हाइलाइट्स
- स्मार्टफोन और कंप्यूटर को ट्रम्प के पारस्परिक टैरिफ से छूट दी जाएगी।
- ट्रम्प ने चीन से आने वाले उत्पादों पर 145% टैरिफ लगाया है।
- सेमीकंडक्टर, सोलर सेल, फ्लैट पैनल समेत कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण सस्ते होंगे।
Donald Trump New Tariff Policy: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा फैसला लिया है। ट्रंप का ये फैसला अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनावों के बीच लिया गया है। उन्होंने स्मार्टफोन, कंप्यूटर और अन्य प्रमुख तकनीकी उपकरणों को अपनी नई टैरिफ नीति से बाहर रखने का ऐलान किया है।
US कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (CBP) ने शुक्रवार (11 अप्रैल) देर रात जारी ये दिशानिर्देशों को जारी किया था। इसके अनुसार, ये छूट 5 अप्रैल 2025 से पहले वेयरहाउस छोड़ चुके उत्पादों पर भी लागू होगी।
तकनीकी कंपनियों को बड़ी राहत
इस फैसले से एप्पल जैसी तकनीकी कंपनियों को भारी राहत मिली है, जिनका अधिकांश उत्पादन चीन में होता है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि ये टैरिफ पूरी तरह लागू होते, तो तकनीकी क्षेत्र को भारी नुकसान होता। Wedbush Securities के डैन इव्स ने इसे “टेक निवेशकों के लिए सपना सच होने जैसा” बताया।
किन उत्पादों को मिली छूट
CBP की नई गाइडलाइंस के अनुसार, जिन उत्पादों को ट्रंप की 125% चीन टैरिफ और अन्य देशों पर लागू 10% टैरिफ से छूट मिली है, उनमें शामिल हैं:
स्मार्टफोन और लैपटॉप
कंप्यूटर व उनके कॉम्पोनेंट्स
सेमीकंडक्टर्स और चिप्स
सोलर सेल्स
फ्लैट पैनल टीवी डिस्प्ले
फ्लैश ड्राइव और मेमोरी कार्ड
हालांकि, चीन से आने वाले बाकी सभी सामानों पर 20% की टैरिफ दर अब भी प्रभावी रहेगी।
व्हाइट हाउस का बयान
व्हाइट हाउस के डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी कुश देसाई ने कहा कि, “राष्ट्रपति ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका महत्वपूर्ण तकनीकों के लिए चीन पर निर्भर नहीं रह सकता। कंपनियों को उत्पादन अमेरिका में लाने का समय देने के लिए यह छूट दी गई है।”
उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति के निर्देश पर कंपनियाँ अब अमेरिका में विनिर्माण को लेकर तेज़ी से काम कर रही हैं।
बाजारों पर असर और संभावित दबाव
टैरिफ घोषणा के बाद से शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखी गई। S&P 500 में 5% से अधिक की गिरावट आई और एप्पल की बाज़ार पूंजी में $640 बिलियन से अधिक का नुकसान हुआ। अगर टैरिफ पूरी तरह लागू हो जाते, तो iPhone की कीमत कुछ अनुमानों के अनुसार $3,500 तक पहुंच सकती थी।
बॉन्ड बाज़ार में भी उथल-पुथल रही, जहां 10-वर्षीय ट्रेजरी यील्ड में 50 बेसिस प्वाइंट से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। माना जा रहा है कि यह वित्तीय दबाव भी ट्रंप प्रशासन को कुछ रियायतें देने के लिए मजबूर कर सकता है।
राहत की सांस
फिलहाल राष्ट्रपति ट्रंप के इस निर्णय से अमेरिकी टेक्नोलॉजी उद्योग को थोड़ी राहत जरूर मिली है। वहीं यह कदम एक बड़े बदलाव की ओर संकेत करता है—अमेरिका अब तकनीकी निर्माण में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि कंपनियां किस गति से अपनी मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में ट्रांसफर करती हैं।
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