हाइलाइट्स
- दरगाह सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से बनी है
- सैयद शाहिद मियां ने दावा किया है कि यह वक्फ संपत्ति
- ग्रामीणों का आरोप है कि दरगाह सरकारी भूमि पर कब्ज़ा करके बनाई गई
Sambhal Dargah: चंदौसी के जनेटा गांव स्थित ऐतिहासिक आस्ताना आलिया कादरिया नौशहिया दरगाह के स्वामित्व को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि दरगाह सरकारी ज़मीन पर अवैध रूप से बनी है और मुतवल्ली द्वारा मेले के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। वहीं, मुतवल्ली डॉ. सैयद शाहिद मियां ने दावा किया है कि यह वक्फ संपत्ति है। प्रशासन ने दस्तावेज़ों की जांच शुरू कर दी है।
दरगाह सरकारी भूमि पर कब्ज़ा करके बनाई गई
ग्रामीणों का आरोप है कि दरगाह सरकारी भूमि पर कब्ज़ा करके बनाई गई है और मेले से करोड़ों की अवैध कमाई होती है। वहीं मुतवल्ली पक्ष ने बताया है कि दरगाह वक्फ बोर्ड की संपत्ति है, जिसके सबूत के रूप में ऐतिहासिक दस्तावेज़ प्रस्तुत किए गए हैं।
यह भी पढ़ें: UP Basic Teacher Transfer: यूपी में बढ़ाई गई बेसिक शिक्षकों के तबादले की आवेदन तिथि, अंतिम तिथि 20 अप्रैल तक
जांच के बाद ही स्वामित्व स्पष्ट होगा
तहसीलदार धीरेंद्र प्रताप सिंह ने स्थल का मुआयना कर दस्तावेज़ जमा करने का आदेश दिया। जांच के बाद ही स्वामित्व स्पष्ट होगा। इस साल प्रशासन ने धारा 63 के तहत दरगाह पर चार दिवसीय वार्षिक मेला आयोजित करने की अनुमति नहीं दी। ग्रामीणों के अनुसार, मेले में दूसरे जिलों के व्यापारी आते थे और किराए व अन्य शुल्कों के नाम पर बड़ी रकम वसूली जाती थी।
वक्फ संशोधन अधिनियम के तहत पहला मामला
वक्फ संशोधन कानून के बाद यह संभल जिले का पहला विवाद है, जहां सरकारी ज़मीन और वक्फ संपत्ति के दावों की जाँच हो रही है। प्रशासन का कहना है कि अभी तक मुतवल्ली द्वारा दिए गए दस्तावेज़ों में वक्फ संपत्ति का स्पष्ट प्रमाण नहीं मिला है।यदि ज़मीन सरकारी पाई जाती है, तो अतिक्रमण हटाने और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
UP Land Circle Rate: लखनऊ, बनारस, कानपुर, गोरखपुर समेत कई जिलों में बढ़े जमीनों के दाम,किसानों को मिलेगा बेहतर लाभ
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के किसानों बेहतर लाभ देने जा रही है, योगी सरकार लखनऊ समेत कई जिलों में भूमि सर्किल दरों में बढ़ोतरी कर रही है उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां दरें सालों से अपरिवर्तित हैं। 1 जनवरी, 2024 से 37 जिलों में यह प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, जबकि अन्य में संशोधन जारी है और आने वाले समय में भी जारी रहेगा। इस संशोधन के प्राथमिक लाभार्थी किसान होंगे, क्योंकि इससे उन्हें कानून के तहत अधिग्रहण के दौरान अपनी जमीन के लिए उचित मुआवजा मिल सकेगा। पढ़ने के लिए क्लिक करें