Murshidabad Violence: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, उत्तर 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में वक्फ कानून के विरोध (Murshidabad Violence) में हिंसक प्रदर्शन जारी है। अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। हिंसक भीड़ ने वाहनों में आग लगाई, दुकानों और घरों को लूटा और तोड़फोड़ की। राज्य में 10 अप्रैल से चल रहे इन विरोध प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार ने 1600 केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान तैनात कर दिए हैं।
केंद्र का बड़ा कदम, हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त बल
केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल के हिंसाग्रस्त इलाकों (Murshidabad Violence) में 16 कंपनियों (लगभग 1600 जवान) के अलावा 300 BSF जवान भी तैनात किए हैं। हिंसा को नियंत्रित करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है और धारा 144 लागू की गई है। अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
हिंसा में मारे गए लोगों में धुलियान निवासी हरगोविंद दास और उनके बेटे चंदन दास शामिल हैं, जिन्हें एक हिंसक भीड़ ने पीट-पीटकर मार डाला। दोनों हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाने का काम करते थे। तीसरा शिकार एक युवक था, जो गोली लगने से घायल होने के बाद इलाज के दौरान मर गया।
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हाईकोर्ट ने दिए कड़े निर्देश, NIA जांच की मांग
विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर केंद्रीय बलों की तैनाती और NIA जांच की मांग की थी। जस्टिस सौमेन सेन की बेंच ने कहा, “हम उन रिपोर्ट्स को नजरअंदाज नहीं कर सकते जो राज्य के कुछ जिलों में बर्बरता की तस्वीर पेश करती हैं।” कोर्ट ने हिंसा प्रभावित सभी क्षेत्रों में केंद्रीय बल तैनात करने के आदेश दिए।
ममता बनर्जी बोलीं – “वक्फ कानून राज्य में लागू नहीं होगा”
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि वक्फ कानून पश्चिम बंगाल (Murshidabad Violence) में लागू नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “यह कानून केंद्र ने बनाया है, इसलिए जवाब उन्हें देना चाहिए। मेरी अपील है कि शांति बनाए रखें, किसी की जान जाने देना ठीक नहीं।”
राज्यपाल ने अमित शाह से की बात, कड़ी कार्रवाई का वादा
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हिंसा पर चर्चा की। उन्होंने कहा, “कानून-व्यवस्था को बाधित करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। कोई भी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”
क्या है वक्फ कानून विवाद ?
केंद्र सरकार का कहना है कि नया कानून वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग को रोकने के लिए है, लेकिन विपक्ष और कुछ मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि यह अल्पसंख्यक अधिकारों पर हमला है। AIMPLB ने 87 दिनों तक विरोध प्रदर्शन की घोषणा की है।