Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में हुए बहुचर्चित शराब घोटाले (Liquor Scam) मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) को आज फिर से आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (EOW) की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत (Judicial Custody) में भेज दिया है। अब लखमा 25 अप्रैल तक जेल में रहेंगे।
गौरतलब है कि 15 जनवरी 2024 को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले ED ने उनसे दो बार पूछताछ की थी। गिरफ्तारी के बाद उन्हें सात दिन की कस्टोडी में लेकर पूछताछ की गई थी, और फिर 21 जनवरी से न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। अब कोर्ट ने उनकी रिमांड को आगे बढ़ा दिया है।
क्या है शराब घोटाले का मामला?
यह घोटाला उस वक्त सामने आया जब आयकर विभाग (Income Tax Department) ने 11 मई 2022 को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) में याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ में रिश्वत, दलाली और अवैध वसूली के संगठित नेटवर्क की जानकारी दी। इस याचिका के आधार पर ED ने 18 नवंबर 2022 को PMLA एक्ट के तहत मामला दर्ज किया।
ED की जांच में सामने आया कि छत्तीसगढ़ में 2161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। चार्जशीट के अनुसार, रायपुर महापौर एजाज ढेबर (Ejaz Dhebar) के भाई अनवर ढेबर (Anwar Dhebar) इस अवैध वसूली रैकेट का संचालन कर रहे थे। 2017 में आबकारी नीति में बदलाव कर CSMCL (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited) के जरिये शराब बिक्री शुरू की गई थी।
2019 के बाद, अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी (Arunpati Tripathi) को CSMCL का MD बनवाया, जिसके बाद अधिकारियों, व्यापारियों और राजनैतिक लोगों का सिंडिकेट बनाया गया। इसी सिंडिकेट के जरिए हजारों करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।
ED ने कोर्ट में पेश की 3,841 पन्नों की चार्जशीट
13 मार्च को ED ने स्पेशल कोर्ट में 3,841 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कवासी लखमा समेत कुल 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है। यह चार्जशीट आयकर विभाग के दस्तावेज़ों, आरोपी के बयानों और टेक्निकल एविडेंस पर आधारित है।
लखमा की पिछली सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी, क्योंकि जेल में सुरक्षा बल की कमी बताई गई थी। लेकिन इस बार उन्हें कोर्ट में पेश किया गया और फिर से जेल भेज दिया गया।
इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ की पूर्व भूपेश सरकार के कई बड़े अधिकारी और राजनीतिक चेहरे जांच के दायरे में हैं। आने वाले दिनों में इस पर और भी बड़ी कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
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