रिपोर्ट: अमन पाण्डेय, बिलासपुर
Sachin Tendulkar Relation CG: नवरात्रि का पर्व इन दिनों देश भर में धूमधाम से मनाया जा रहा है, देश भर के देवी मंदिरों में भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। कुछ ऐसा ही नजर बिलासपुर के नागोई में स्थित मां महामाया के मंदिर में भी देखने को मिलता है। मां के इस मंदिर में भक्ति का अनोखा नजारा देखने को मिलता ही है, लेकिन इस मंदिर का गहरा संबंध सचिन तेंदुलकर से भी है।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर का छत्तीसगढ़ के इस मां महामाया मंदिर (Sachin Tendulkar Relation CG) से किस तरह का नाता है, इस बारे में हम विस्तार से आपको बताएंगे। पहले जानते हैं यह देवी मंदिर कहां है और यहां पहुंचने के लिए कितनी दूरी तय करना पड़ेगी। यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।
मां महामाया लक्ष्मी के रूप में विराजीं
बिलासपुर शहर से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बैमा नगोई गांव (Sachin Tendulkar Relation CG) में स्थित तमाम महामाया का मंदिर आस्था और भक्ति का एक अनोखा केंद्र है। वैसे तो साल भर ही यहां आने वाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्रि में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ जाती है। मंदरि के पुजारी शुभम बारगाह ने बताया कि इस मंदिर में मां महामाया लक्ष्मी के स्वरूप में विराजमान है। न सिर्फ छत्तीसगढ़ और पूरे देश बल्कि विदेशों से भी लोग इस मंदिर में पहुंचते हैं। इसके साथ ही यहां हजारों की तादाद में हर साल नवरात्र में ज्योति कलश की स्थापना की जाती है। ये ज्योति कलश जलवाने वाले बहुत से लोग विदेश के होते हैं।
मंदिर में देखने को मिलती है अनोखी परंपरा
श्रद्धालु साक्षी यादव, धार्मिक यादव ने बताया कि इस मंदिर में एक अनोखी परंपरा (Sachin Tendulkar Relation CG) भी देखने को मिलती है। आमतौर पर आरती के समय मंदिरों में देवी देवता के सामने खड़े होकर पूजा की जाती है, लेकिन इस मंदिर में आरती और भोग के समय माता के मंदिर के समय सामने खड़े होना वर्जित है। मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है, इसे लेकर यहां खास तैयारी भी हर साल की जाती हैं।
सचिन तेंदुलकर का मंदिर से गहरा नाता
वैसे तो यह मंदिर मुख्य रूप से माता की भक्ति (Sachin Tendulkar Relation CG) के लिए ही जाना जाता है, लेकिन इस मंदिर का एक गहरा संबंध भारत के प्रसिद्ध पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर से भी है। दरअसल इस मंदिर में लंबे समय तक सेवा देने वाले गौरी शंकर गिरनारी बाबा जी सचिन तेंदुलकर के बहुत बड़े प्रशंसक थे। जब तक वह जीवित थे, तब तक प्रतिवर्ष सचिन तेंदुलकर के नाम से इस मंदिर में ज्योति कलश की स्थापना की जाती थी।
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मंदिर में सचिन के नाम से दो पेड़
मंदरि के पुजारी शुभम बारगाह ने बताया कि बाबा जी ने मंदिर परिसर (Sachin Tendulkar Relation CG) में दो वटवृक्ष भी लगाए हैं और उनका नामकरण किया। उन्होंने एक वटवृक्ष का नाम सचिन और दूसरे वटवृक्ष का नाम तेंदुलकर दिया था। उन्होंने जीवित रहते हुए यह भविष्यवाणी भी की थी, कि एक दिन यह दोनों वटवृक्ष आपस में मिल जाएंगे। यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मां महामाया के साथ-साथ बाबा जी पर भी असीम श्रद्धा थी। जिसकी वजह से श्रद्धालु मानते हैं कि बाबा जी की भविष्यवाणी अवश्य पूरी होगी।
दूर-दूर से आते हैं भक्त
गिरनारी बाबा ने दशकों तक पूरी श्रद्धा के साथ इस मंदिर में अपनी सेवा दी, उन्होंने ही इस मंदिर (Sachin Tendulkar Relation CG) के विकसित स्वरूप को और विस्तारित किया। उनके भक्त बड़ी दूर-दूर से यहां आते हैं और आज भी उनके समाधि स्थल पर शीश नवा कर उनका आशीर्वाद लेते हैं, उनकी भविष्यवाणी भी अब सच होती दिखाई पड़ रही है।
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