CG Bharatmala Project Scam: छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना को लेकर राजनीतिक भूचाल आया है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है।
अपने पत्र में डॉ. महंत ने दावा किया है कि इस परियोजना के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण में किसानों और जमीन मालिकों को दिए गए मुआवजे में भारी अनियमितता हुई है। उन्होंने इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए CBI से जांच कराने की मांग की है।
करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई: महंत
डॉ. महंत का कहना है कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में भारतमाला योजना के तहत किसानों की जमीन ली गई, लेकिन उन्हें सही मुआवजा नहीं मिला। जिन लोगों को मुआवजा मिला भी, उसमें भ्रष्टाचार और घोटाले की आशंका है।
उन्होंने आरोप लगाया कि मुआवजे की राशि में करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है। डॉ. महंत ने यह भी कहा कि जब तक CBI जैसी स्वतंत्र एजेंसी जांच नहीं करती, तब तक सच्चाई सामने नहीं आएगी।
महंत ने विधानसभा में भी जोरशोर से उठाया था यह मुद्दा
यह मामला उस समय और ज्यादा गरमा गया जब डॉ. चरणदास महंत ने विधानसभा में भी यह मुद्दा जोरशोर से उठाया। उन्होंने सदन में कहा कि रायपुर-विशाखापत्तनम आर्थिक गलियारे के लिए हुए भूमि अधिग्रहण में लगभग 350 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है।
उन्होंने मांग की कि इसकी जांच CBI से कराई जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाया जाए।
राज्य सरकार ने CBI जांच की मांग को ठुकरा दिया था
जब राज्य सरकार ने CBI जांच या विधानसभा समिति से जांच की मांग को ठुकरा दिया तो कांग्रेस विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
इससे पहले राज्य सरकार द्वारा इस मामले में 43.18 करोड़ रुपये की हेराफेरी को लेकर एक उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) और अन्य अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है। यह कार्रवाई रायपुर-विशाखापत्तनम राजमार्ग के एक हिस्से को लेकर की गई थी, जो कि भारतमाला परियोजना का हिस्सा है।
राजनीतिक गलियारों में इस प्रकरण को लेकर काफी हलचल है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या केंद्र सरकार डॉ. महंत की मांग पर संज्ञान लेती है और क्या इस मामले की CBI जांच होती है या नहीं।
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