हाइलाइट्स
मजदूर की मौत से शुरू हुआ विवाद
पंडाल लगाकर धरने पर बैठे मजदूर
ग्रामीण बोले- माहौल खराब कर रहे
Balod Violence: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के कंडेकसा गांव में मजदूरों और ग्रामीणों के बीच भीषण झड़प हुई है। यह घटना दल्ली राजहरा स्थित हितकसा श्री जगन्नाथ स्टील एवं पैलेट प्लांट में एक श्रमिक की मौत के बाद हुई है। इस बवाल में मजदूरों और ग्रामीणों ने एक दूसरे को जमकर पीटा।
बताया जा रहा है कि प्लांट में काम कर रहे एक मजदूर (Balod Violence) की मौत हो गई, जिसके बाद अन्य श्रमिकों ने हड़ताल शुरू कर दी। हड़ताली मजदूरों ने एक अस्थाई मचान (पंडाल) बनाकर आंदोलन शुरू किया है। इस पर ग्रामीणों का आरोप था कि मजदूरों ने दूसरे राज्य से आए श्रमिकों के साथ मारपीट की थी, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने आंदोलनकारियों पर हमला कर दिया।
पंडाल उखाड़कर फेंका
विवाद के बाद ग्रामीणों ने मजदूरों को दौड़-दौड़कर पीटा। हड़ताली श्रमिकों (Balod Violence) का पंडाल उखाड़कर आग लगा दी गई। इस झड़प में कई मजदूर घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। घटना की सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने मामले को शांत कराया। इसके बाद इलाके में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
दोनों पक्षों को समझाइश देकर रोका बवाल
इस हिंसक झड़प के बाद जिला प्रशासन (Balod Violence) और प्लांट प्रबंधन भी मौके पर पहुंचे। वहीं पुलिस ने भी स्थिति को शांत करने का प्रयास किया और दोनों पक्षों से बातचीत की। मामले की जांच शुरू की गई है और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय ग्रामीणों ने मामले में क्या कहा?
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि मजदूरों (Balod Violence) ने पहले हमारे लोगों पर हमला किया था। हमें अपनी सुरक्षा के लिए ऐसा करना पड़ा। वहीं आरोप लगाया कि ये मजदूर लगातार हड़ताल करके गांव का माहौल खराब कर रहे थे। इससे ग्रामीणों ने उनकी पिटाई कर दी।
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विवाद बाले मामले में मजदूरों ने क्या कहा?
मजदूरों का कहना है कि हमारे साथी की मौत हुई, लेकिन कंपनी ने कोई मुआवजा नहीं दिया। हमारी मांगें नहीं सुनी जा रही हैं। ग्रामीणों ने बिना कारण हम पर हमला किया। हमें न्याय चाहिए। इस मामले में पुलिस ने दोनों का पक्ष सुनकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर
ग्रामीणों और मजदूरों में हिंसक झड़प के बाद पुलिस (Balod Violence) ने दोनों पक्षों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। शांति बैठक आयोजित की गई, विवाद का समाधान निकालने का प्रयास किया गया। जिला प्रशासन ने कंपनी प्रबंधन से मजदूरों की मांगों पर विचार करने को कहा है।
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