हाइलाइट्स
शराब घोटाला केस में जेल में बंद है लखमा
आबकारी विभाग में हुआ जमकर भ्रष्टाचार
21 अन्य आरोपियों को किया इसमें शामिल
CG Liquor Scam: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2,161 करोड़ रुपये के शराब घोटाले मामले में आज जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा को आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) की स्पेशल कोर्ट (CG Liquor Scam) में पेश किया गया। EOW ने घोटाले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए लखमा के प्रोडक्शन वारंट की मांग की थी, जिस पर दोपहर बाद सुनवाई होनी है।
बता दें कि शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 15 जनवरी 2025 को कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। इससे पहले, ED ने उन्हें दो बार पूछताछ के लिए बुलाया था और 7 दिन के कस्टोडियल रिमांड पर रखा था। 21 जनवरी से 4 फरवरी तक उन्हें 14 दिन के न्यायिक रिमांड पर भेजा गया था। इसके बाद यह रिमांड बढ़कर अप्रैल तक पहुंच गई है।
21 अन्य आरोपियों को भी किया शामिल
13 मार्च को ED ने विशेष अदालत में 3,841 पन्नों का चार्जशीट (CG Liquor Scam) पेश किया, जिसमें लखमा समेत 21 अन्य आरोपियों को शामिल किया गया है। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि 2019 के बाद एक सिंडिकेट ने आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया, जिससे राज्य को 2,161 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
EOW ने मांगा प्रोडक्शन वारंट, आज सुनवाई
EOW ने लखमा से पूछताछ के लिए मंगलवार को उनके प्रोडक्शन वारंट (CG Liquor Scam) का आवेदन दाखिल किया था। EOW के वकील मिथलेश वर्मा ने बताया कि आज लखमा को कोर्ट में पेश किया गया है और दोपहर बाद सुनवाई शुरू होगी। इससे पहले, 19 और 20 मार्च को EOW को लखमा से पूछताछ करने की अनुमति मिली थी। आशंका जताई जा रही थी कि EOW इस मामले में कई अन्य लोगों को भी तलब कर सकती है।
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कैसे हुआ 2,161 करोड़ का घपला?
ED की चार्जशीट के अनुसार, 2017 में छत्तीसगढ़ की आबकारी नीति (CG Liquor Scam) में संशोधन कर CSMCL (Chhattisgarh State Marketing Corporation Limited) के जरिए शराब बेचने का प्रावधान किया गया। हालांकि, 2019 के बाद अनवर ढेबर (रायपुर के पूर्व महापौर एजाज ढेबर के भाई) के नेतृत्व में एक सिंडिकेट ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का प्रबंध निदेशक (MD) बनवाया। इसके बाद अधिकारियों, कारोबारियों और राजनीतिक रसूख वाले लोगों के गठजोड़ से भ्रष्टाचार किया गया, जिससे 2,161 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। आयकर विभाग ने मई 2022 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में याचिका दाखिल कर इसकी जानकारी दी थी।
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