- लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश
- केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने पेश किया बिल
- विपक्ष का विरोध, सरकार का जवाब
‘गरीबों के लिए बिल’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वक्फ बिल चोरी के लिए नहीं, गरीबों के लिए है। एक मेंबर कह रहे अल्पसंख्यक स्वीकार नहीं करेंगे, क्या धमकी दे रहे हो भाई। संसद का कानून है, स्वीकार करना पड़ेगा।
‘माइनॉरिटीज को डराया जा रहा है’
गृह मंत्री शाह ने कहा कि वक्फ में एक भी गैर इस्लामिक नहीं आएगा। ऐसा कोई प्रोविजन नहीं है। वोट बैंक के लिए माइनॉरिटीज को डराया जा रहा है। वक्फ एक अरबी शब्द है। इसका मतलब अल्लाह के नाम पर धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्ति का दान है। दान उसी चीज का किया जाता है, जिस पर हमारा हक है।
1995 से चल रहा है झगड़ा
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि जहां तक भारत का सवाल है। आजादी के बाद इसे बदला गया। ये पूरा झगड़ा 1995 से चल रहा है। ये पूरा झगड़ा वक्फ में दखल का है। सुबह से जो चर्चा चल रही है। उसे मैंने बारीकी से सुना है। ढेर सारी भ्रांतियां सदस्यों में हैं। कई भ्रांतियां देश में फैलाई जा रही हैं।
2013 में रातों-रात बदले वक्फ के कानून
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2013 में वक्फ के जो अमेंडमेंट आए, वो न किया होता तो ये बिल लाने की जरूरत नहीं पड़ती। 2014 में चुनाव आने वाला था, 2013 में रातों-रात तुष्टीकरण के लिए वक्फ कानूनों को बदला गया था। इसके कारण दिल्ली लुटियंस की 123 VVIP संपत्ति कांग्रेस सरकार ने वक्फ को देने का काम किया।
सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने जेपीसी पर उठाए सवाल
रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के सांसद एनके प्रेमचंद्रन ने लोकसभा में विधेयक के विरोध में कहा, कि JPC के पास विधेयक में संशोधन करने का अधिकार नहीं है। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्पष्ट किया, कि नियमों के तहत JPC के पास विधेयक में संशोधन का पूरा अधिकार है।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया विरोध
गौरतलब है TDP और JDU ने वक्फ बिल का समर्थन किया है। यहां वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में TDP-JDU वोट करेगी।
अलग अलग राज्यों में इसे लेकर समुदाय सामने आ रहे हैं। मध्यप्रदेश के भोपाल में मुस्लिम महिलाएं इसके समर्थन में सामने आई हैं। तो वहीं उत्तर प्रदेश के लखनऊ में बिल को लेकर पुलिस अलर्ट मोड पर है। यहां संवेदनशील इलाकों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
यूपी के में बिल को लेकर पुलिस अलर्ट
वक्फ बिल को लेकर पूरे यूपी में अलर्ट। DGP मुख्यालय से अलर्ट जारी किया गया। यहां सुरक्षा चाक चौबंद रखने के निर्देश दिए गए। इसमें संवेदनशील इलाकों पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
वक्फ संशोधन बिल पर अब तक क्या-क्या हुआ है?
8 अगस्त 2024 को लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पेश किया गया। इसमें देश भर में इसके खिलाफ प्रदर्शन हुए। इसके बाद बिल के
ड्राफ्ट को संसद की JPC को भेज दिया गया।
जनवरी 2025 में JPC ने बिल के ड्राफ्ट को मंजूरी दी गई। जिसमें JPC में शामिल NDA सांसदों के सुझाए 14 संशोधनों को स्वीकार किया। यहां विपक्षी सांसदों के संशोधनों को खारिज कर दिया।
13 फरवरी 2025 को JPC की रिपोर्ट संसद में पेश की गई।
19 फरवरी 2025 को कैबिनेट की बैठक में बिल को मंजूरी मिली।
2 अप्रैल को संसद में पेश होगा।
8 घंटे की बहस के बाद इस पर वोटिंग होगी।
भोपाल में वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में उतरी महिलाएं
भोपाल में वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में मुस्लिम महिलाएं उतरीं हैं। आपको बता दें यहां महिलाओं ने मोदी के समर्थन में बैनर पोस्टर लिया हैं। बुर्का पहनकर महिलाएं पहुंची हैं। पोस्टर पर लिखा है जिसमें लिखा हैं “We support WAQF amendment bill”
आज पेश होगा बिल
आपको बता दें आज लोकसभा में पेश वक्फ संशोधन बिल होगा। इसे लेकर ही सैकड़ों की संख्या में महिलाएं शामिल हुई हैं। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था। यह प्रदर्शन हथाईखेड़ा डैम के पास समर्थन में जुटे।
वक्फ है क्या?
वक्फ शब्द अरबी भाषा से लिया गया है। जिसका ओरिजिन ‘वकुफा’ शब्द से हुआ है। वकुफा का अर्थ होता है ठहरना या रोकना। इसी शब्द से वक्फ बना है। इसका अर्थ संरक्षित करना होता है।
विशेषज्ञों की मानें तो इस्लाम में वक्फ का अर्थ उस संपत्ति से है, जो जन-कल्याण के लिए हो। इसका अर्थ एक तरह तरीके के ‘दान’ जैसा होता है। जिसमें दानदाता चल या अचल संपत्ति दान कर सकता है।
आपको बता दें जन कल्याण के लिए जो भी दान कर दिया जाए, उसको संरक्षित करना ही वक्फ कहलाता है। हालांकि इसमें घर, खेत, जमीन-मैदान ही नहीं, बल्कि पंखा, कूलर, साइकिल, टीवी-फ्रिज भी शामिल किए जा सकते हैं।
संपत्ति वक्फ घोषित होने पर क्या होता है
एक बार जब कोई संपत्ति वक्फ घोषित कर दी जाती है, तो वह स्थायी रूप से उसी रूप में बनी रहती है। यह बिल केवल बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता के लिए नियमों को स्पष्ट करता है। यह बिल जिला कलेक्टर को उन संपत्तियों की समीक्षा करने की अनुमति देता है जिन्हें गलत तरीके से वक्फ संपत्ति घोषित किया जा सकता है, खासकर यदि वे वास्तव में सरकारी संपत्ति हों।
वक्फ बोर्ड क्या है
आपको बता दें धार्मिक मकसद के लिए संपत्ति का स्थायी दान है। वक्फ की अवधारणा दिल्ली सल्तनत के समय से चली आ रही है। वक्फ संपत्तियों का प्रबंध अधिनियम 1995 के तहत किया गया है। पर 2013 में अधिनियम में संशोधन किया गया है। इन संशोधनों ने वक्फ संपत्तियों की बिक्री को असंभव बना दिया है।
वक्फ बोर्ड के कितनी संपत्ति
जानकारी के अनुसार वक्फ बोर्ड भारत में तीसरा सबसे बड़ा भूमि धारक है। इसके पास 9.4 लाख एकड़ जमीन है। इसमें 8.7 लाख संपत्तियों की कीमत 1.2 लाख करोड़ बताई जा रही है।
पुराने कानून में क्या
- आपको बता दें वक्फ बोर्ड किसी भी संपत्ति पर दावा कर सकता है।
- विवाद की स्थिति में सिर्फ ट्रिब्यूनल में अपील हो सकती है।
- वक्फ ट्रीब्यूनल का फैसला आखिरी माना जाता है।
- वक्फ में महिला और अन्य धर्म के लोगों की एंट्री बैन है।
नए प्रस्तावित बिल में क्या
- नए प्रस्तावित बिल के अनुसार ट्रिब्यूनल के अलावा रेवेन्यू और सिविल में अपील हो सकती है।
- ट्रिब्यूनल के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जा सकती है।
- जब तक जमीन दान में न मिली हो वक्फ की संपत्ति नहीं मानी जाएगी।
- वक्फ में दो महिला और दो अन्य धर्म के लोगों को एंट्री मिलेगी।
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