Neemuch Fake Encounter Case: दिल्ली की सीबीआई टीम ने वर्ष 2009 के नीमच फर्जी एनकाउंटर मामले में इंदौर जिले में पदस्थ डीएसपी ग्लेडविन को गिरफ्तार किया है। यह मामला नीमच के कुख्यात अपराधी और तस्कर बंशी गुर्जर से जुड़ा है। जिसे पुलिस ने एनकाउंटर में मारा बताया था, लेकिन बाद में वह जिंदा पाया गया था।
कोर्ट ने सीबीआई को दिए थे जांच के आदेश
मामला कोर्ट पहुंचने के बाद सीबीआई को जांच सौंपी गई थी। जांच में पाया गया कि उस समय नीमच थाने के प्रभारी ग्लेडविन की भूमिका संदिग्ध थी। साक्ष्य मिलने के बाद मंगलवार रात सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
क्या था पूरा मामला?
बंशी गुर्जर नीमच का जाना-माना तस्कर है, जिस पर कई मामले दर्ज हैं। वर्ष 2009 में पुलिस ने दावा किया था कि बंशीलाल उर्फ शिवा गुर्जर की कुकड़ेश्वर थाना क्षेत्र में पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई। हालांकि, स्थानीय लोगों का दावा था कि वह जिंदा है।
वर्ष 2011 में पुलिस ने बंशी के साथी घनश्याम धाकड़ को गिरफ्तार किया, तो उसने बताया कि वह बंशी के साथ ही रहा था। बाद में, 20 नवंबर 2011 को उज्जैन में बंशी गुर्जर को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला कि उसने अपनी मौत का नाटक करने के लिए नकली दस्तावेज भी बनवाए थे। इस मामले में कोर्ट ने उसे 7 साल की सजा सुनाई थी। बाद में मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई।
अब सीबीआई की जांच में डीएसपी ग्लेडविन समेत कई पुलिसकर्मियों की भूमिका पर सवाल उठे हैं, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
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