हाइलाइट्स
- भीड़ का उग्र रूप, सड़क जाम और पथराव
- लड़की के परिवार ने 28 मार्च को थाने में शिकायत दर्ज कराई
- गुस्साई भीड़ ने थाने का घेराव कर दिया
Azamgarh Police Custody Death: उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में तरवां थाने में एक दलित युवक की संदिग्ध हालत में मौत के बाद गुस्साई भीड़ ने बड़ा हंगामा किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और कई वाहनों को नुकसान पहुंचाया, जबकि पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ने की कोशिश की। इस झड़प में मॉनिटरिंग सेल के इंस्पेक्टर अखिलेश कुमार मौर्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें पीजीआई लखनऊ रेफर किया गया है।
क्या है पूरा मामला
29 मार्च को तरवां थाने की पुलिस ने 21 वर्षीय सनी कुमार को छेड़छाड़ के आरोप में गिरफ्तार किया। 31 मार्च की सुबह थाने के बाथरूम में उसका शव खिड़की से बंधे नाड़े से लटका हुआ मिला। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया, लेकिन परिजनों को तुरंत सूचना नहीं दी। जब परिवार थाने पहुंचा तो शव नहीं मिला, जिसके बाद गुस्साई भीड़ ने थाने का घेराव कर दिया।
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भीड़ का उग्र रूप, सड़क जाम और पथराव
प्रदर्शनकारियों ने आजमगढ़-चिरैयाकोट और वाराणसी रोड को जाम कर दिया। पुलिस द्वारा रास्ता साफ करने के प्रयास के बाद भीड़ और उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जबकि प्रदर्शनकारियों ने ईंट-पत्थर फेंककर जवाब दिया। कई पुलिसकर्मी घायल हुए, जबकि भीड़ ने कई पुलिस वाहनों को नुकसान पहुंचाया।
पुलिस प्रशासन की कार्रवाई
एसएसपी हेमराज मीणा ने तरवां थाना प्रभारी कमलेश पटेल, एक दरोगा और एक सिपाही को निलंबित कर दिया है। डीआईजी सुनील कुमार मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभाल रहे हैं। गांव में चार थानों की पुलिस तैनात की गई है और ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
क्या कह रही है पुलिस
पुलिस के अनुसार, सनी कुमार का एक दलित युवती से प्रेम प्रसंग चल रहा था। लड़की के परिवार ने 28 मार्च को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि सनी उनकी बेटी को परेशान कर रहा है। अगले दिन पुलिस ने सनी को गिरफ्तार कर लिया, और दो दिन बाद उसका शव थाने में लटका हुआ मिला। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उसकी हत्या की है, जबकि पुलिस का दावा है कि यह आत्महत्या का मामला है।
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