Eid-ul-Fitr 2025 Celebration in Bhopal: देशभर के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी ईद-उल-फितर का त्योहार सोमवार को मनाया गया। सुबह से ही अकीदतमंद नमाज पढ़ने के लिए ईदगाह और मस्जिदों में पहुंचे।
भोपाल की ताज उल मसाजिद, जामा मस्जिद और मोती मस्जिद सहित अन्य मस्जिदों में भी ईद की नमाज अदा कर देश और प्रदेश में शांति व खुशहाली की दुआ मांगी गई।
भोपाल के ईदगाह पर मुख्य नमाज सुबह 7:30 बजे अदा की गई। हर साल की तरह इस बार भी नमाज का ऐलान तोप से गोला दागकर किया गया।
नमाज से पहले शहर काजी मुश्ताक अली नदवी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि कैरेक्टर और क्वालिटी पैदा करो, नशे से दूर रहो। हलाल-हराम में फर्क समझो। उन्होंने लोगों से अपने रोजमर्रा के खर्चे कम करने और बच्चों की अच्छी शिक्षा पर जोर देने की सलाह दी।
ताज उल मसाजिद में अमन-शांति की दुआ
भोपाल की ताज उल मसाजिद में नमाज के दौरान मौलाना हसन साहब ने देश व दुनिया में शांति की प्रार्थना की। साथ ही, उन्होंने उन मासूमों की रिहाई के लिए भी दुआ मांगी, जो झूठे मामलों में जेल में बंद हैं।
फलस्तीन के समर्थन में युवाओं ने दिखाया एकजुटता
भोपाल के ईदगाह के बाहर कुछ युवाओं ने फिलिस्तीन के समर्थन में बैनर लेकर खड़े होकर अपनी एकजुटता दिखाई। नमाज के बाद फलस्तीन के लोगों के लिए विशेष दुआ भी मांगी गई।
वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन
भोपाल की ईदगाह और अन्य मस्जिदों में नमाज पढ़ने आए मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हाथों पर काली पट्टी बांधकर वक्फ संशोधन बिल का शांतिपूर्ण विरोध किया।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इस बिल के खिलाफ मौन विरोध करने की अपील की थी। बोर्ड का कहना है कि अगर यह बिल पास हो गया, तो मस्जिदें, दरगाहें, मदरसे और कब्रिस्तान जैसी संपत्तियों पर समुदाय का अधिकार खत्म हो सकता है।
वक्फ संशोधन बिल क्या है?
नए वक्फ संशोधन बिल के अनुसार, वक्फ ट्रिब्यूनल के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकेगी।
जब तक वक्फ को दान में जमीन नहीं मिलती, तब तक वह उसकी संपत्ति नहीं मानी जाएगी, भले ही उस पर मस्जिद बनी हो।
(सभी फोटो : मोहम्मद औसाफ)
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