EID UL Fitr 2025: रायपुर समेत पूरे भारत में 30 मार्च 2025 की शाम को शव्वाल (Shawwal) का चांद नजर आने की पुष्टि हुई। इसके बाद 31 मार्च को ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr) मनाने का ऐलान कर दिया गया।
ईद से पहले बाजारों में खरीदारी (Eid Shopping) जोरों पर है। मिठाइयों (Sweets), कपड़ों (Clothes) और सेवइयों (Seviyan) की दुकानों पर भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन ने भी सुरक्षा (Security Arrangements) को लेकर कड़े इंतजाम किए हैं।
ईद की तारीख कैसे तय होती है?
इस्लामिक कैलेंडर चंद्रमा (Moon Calendar) पर आधारित होता है। ईद-उल-फितर रमजान (Ramadan) खत्म होने के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख (First Shawwal) को मनाई जाती है।
अगर रमजान के 29वें दिन चांद दिख जाता है, तो अगले दिन ईद (Eid) होती है। अगर चांद नहीं दिखता, तो रमजान 30 दिन का पूरा होता है और उसके बाद ईद मनाई जाती है।
भारत और सऊदी अरब में ईद की तारीख अलग क्यों होती है?
चांद के दिखने का समय हर देश में अलग होता है। इसीलिए ईद (Eid Date) दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में अलग दिनों में (Different Dates) मनाई जाती है।
सऊदी अरब (Saudi Arabia) में 29 मार्च को ईद का चांद दिखा था और वहां 30 मार्च को ईद मनाई गई। भारत में 30 मार्च को चांद नजर आने के बाद 31 मार्च को ईद मनाने का फैसला लिया गया।
धार्मिक समितियां करती हैं चांद की पुष्टि
भारत समेत कई इस्लामिक देशों में ईद की तारीख तय करने के लिए आधिकारिक समितियां (Official Committees for Moon Sighting) बनाई जाती हैं। ये समितियां वैज्ञानिक (Scientific) और धार्मिक आधार (Religious Basis) पर चांद देखने की पुष्टि करती हैं।
नवरात्र और ईद एक साथ, सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल
इस बार 31 मार्च को ईद और नवरात्रि (Navratri) दोनों का संयोग है। मंदिरों (Temples) और मस्जिदों (Mosques) में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन ने सांप्रदायिक सौहार्द (Communal Harmony) बनाए रखने की अपील की है।
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