Generative AI Search: आज के डिजिटल युग में, ट्रेवल टिप्स से लेकर वजन कम करने तक की जानकारी के लिए लोग अक्सर गूगल की मदद लेते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या वेबसाइटों पर लॉग-इन करने के लिए भी यूजर्स को केवल कुछ कीवर्ड दर्ज करने होते हैं। यहां तक कि मौसम की जानकारी भी लोग वॉयस सर्च के जरिए सीधे गूगल से पूछ लेते हैं। हालांकि, खोज तकनीक में बदलाव के साथ अब पारंपरिक ‘टेन ब्लू लिंक्स’ पर निर्भरता कम होती जा रही है।
अब कई जेनरेटिव एआई सर्च टूल्स (Generative AI Search Tools) सिर्फ लिंक दिखाने के बजाय सीधे उत्तर प्रस्तुत करने लगे हैं। एडोब की एक रिपोर्ट के अनुसार, एआई सर्च तेजी से एक प्रमुख ट्रैफिक स्रोत बन रहा है। 2023-24 के त्योहारी सीजन में एआई सर्च रेफरल में 1300% की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि, एआई सर्च अभी अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन पारंपरिक सर्च इंजन की तुलना में उपयोगकर्ता यहां 8% अधिक समय बिताते हैं और 12% अधिक वेब पेज ब्राउज़ करते हैं। यह दर्शाता है कि एआई टूल्स यूजर्स को अधिक प्रासंगिक वेब पेजों तक पहुंचाने में सक्षम हो रहे हैं।
एआई सर्च की बढ़ती लोकप्रियता
एआई सर्च का अनुभव दर्शाता है कि उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकताओं के अनुसार इसका उपयोग कर सकते हैं। एक सर्वे के अनुसार:
- 39% लोग ऑनलाइन शॉपिंग के लिए
- 55% लोग शोध कार्यों के लिए
- 47% लोग खरीदारी से जुड़ी सलाह के लिए एआई सर्च टूल्स का उपयोग कर रहे हैं।
एआई सर्च मार्केट में बड़ी कंपनियों की एंट्री
नवंबर 2023 में ओपनएआई ने चैटजीपीटी सर्च के जरिए इंटरनेट सर्च मार्केट में कदम रखा। इसके अलावा, परप्लेक्सिटी एआई भी जेनरेटिव एआई सर्च सेवाएं उपलब्ध करा रहा है। गूगल एआई ओवरव्यूज के माध्यम से और माइक्रोसॉफ्ट बिंग एआई के जरिए एआई सर्च को नया आयाम दे रहे हैं। इस बीच, मेटा भी इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
क्या है जेनरेटिव एआई सर्च इंजन?
जेनरेटिव एआई सर्च इंजन पारंपरिक सर्च इंजनों से अलग हैं क्योंकि ये एलएलएम (लार्ज लैंग्वेज मॉडल) पर आधारित होते हैं। जहां पारंपरिक सर्च इंजन केवल कीवर्ड के आधार पर लिंक प्रदान करते हैं, वहीं जेनरेटिव एआई यूजर के प्रश्न को समझकर सीधे उत्तर देने में सक्षम होते हैं।
यह तकनीक उत्तर को और अधिक स्पष्ट और व्याख्यात्मक बनाने के लिए कई स्रोतों से जानकारी इकट्ठा करती है। इसके अलावा, उपयोगकर्ता अपनी क्वेरी पर फॉलो-अप प्रश्न भी पूछ सकते हैं।
पारंपरिक और जेनएआई सर्च इंजन में अंतर
- पारंपरिक सर्च इंजन (गूगल, बिंग) वेब क्रॉलिंग तकनीक से वेबसाइटों को स्कैन करते हैं और कीवर्ड आधारित लिंक प्रदान करते हैं।
- जेनएआई सर्च इंजन कीवर्ड की जगह प्राकृतिक भाषा को समझते हैं और सीधे उत्तर प्रस्तुत करते हैं।
- यह एलएलएम और रियल-टाइम वेब क्रॉलिंग का उपयोग कर सटीक, उद्देश्यपूर्ण और विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
- लगातार फीडबैक और सुधार की प्रक्रिया से एआई सर्च इंजन की क्षमता समय के साथ बेहतर होती जाती है।
एआई सर्च में सुधार की संभावनाएं
- पर्सनलाइजेशन: यूजर की प्राथमिकताओं को ध्यान में रखकर अधिक प्रासंगिक उत्तर प्रदान किए जाएंगे।
- मल्टीमोडल सर्च: टेक्स्ट, इमेज, वॉयस और वीडियो को सर्च से जोड़कर बेहतर अनुभव मिलेगा।
- सटीकता: व्यापक डेटा विश्लेषण के साथ उत्तर अधिक विश्वसनीय होंगे।
एआई सर्च को लेकर चुनौतियां
हालांकि जेनरेटिव एआई सर्च में कई फायदे हैं, फिर भी यह पूरी तरह से त्रुटिहीन नहीं है।
- गूगल एआई ओवरव्यूज के कुछ उत्तर गलत पाए गए हैं।
- परप्लेक्सिटी एआई पर कॉपीराइट उल्लंघन के आरोप लग चुके हैं।
- एआई से प्राप्त जानकारी को अपने स्तर पर क्रॉस-चेक करना आवश्यक है।
कैसे करें चैटजीपीटी सर्च का उपयोग?
यदि आप गूगल के बजाय चैटजीपीटी सर्च का उपयोग करना चाहते हैं, तो इसके क्रोम एक्सटेंशन ( ChatGPT Search Extension ) को डाउनलोड और इंस्टॉल कर सकते हैं।
इसके बाद, आप ब्राउज़र के ओमनीबॉक्स में अपनी क्वेरी दर्ज कर सकते हैं और GPT-4o मॉडल से विस्तृत और अपडेटेड जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि, गूगल सर्च अभी भी इंटरनेट पर सूचनाओं तक पहुंचने का एक महत्वपूर्ण माध्यम बना हुआ है।
एआई सर्च टूल्स इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को अधिक व्यक्तिगत, सटीक और विस्तृत उत्तर देने में सक्षम हो रहे हैं। हालांकि, इनके पूरी तरह से विश्वसनीय बनने में अभी समय लगेगा। उपयोगकर्ताओं को चाहिए कि वे एआई से प्राप्त जानकारी को अन्य स्रोतों से भी सत्यापित करें।