MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार (26 मार्च) को अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के राज्य स्तरीय सम्मेलन में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने सहकारिता से जुड़ा उनका एक अनुभव को साझा किया। सीएम यादव ने पूछा कि सहकारिता की शुरुआत कहां से हुई? इसका जवाब मिला 1840 में इंग्लैंड से।
इसके बाद उन्होंने कहा, अंग्रेज 1840 से पहले ही भारत में राज करने आ गए थे। यहां से उन्होंने कई चीजें सीखीं। भारत ने कभी किसी देश पर आक्रमण क्यों नहीं किया? क्योंकि हमारी संस्कृति में ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’, ‘बहुजन हिताय’ और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की अवधारणा रही है। असली यूनाइटेड नेशंस का पालन करने वाला देश भारत है।
सहकारिता में फंस गए तो भगवान ही मालिक
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि मैं सहकारिता से जुड़ा भी रहा और दूर भी रहा। अगर किसी अच्छे-खासे व्यक्ति को बर्बाद करना हो, तो उसे सहकारिता समिति में बैठाकर जांच लगा दो। भगवान ही जाने कि वह कैसे बचेगा। सहकारिता के अधिकारियों के अलावा कोई नहीं जानता कि इससे कैसे निकला जाता है।
8 महीने तक अधिकारियों ने उलझाया, आखिरी दिन मंत्री ने फोन करके बनवाया रजिस्ट्रेशन
सीएम ने कहा, मैंने सस्ते मकान देने के लिए सहकारिता समिति बनाने का प्रस्ताव रखा। अधिकारियों ने कहा, ‘हाउसिंग सोसायटी का रजिस्ट्रेशन बंद है।’ जब मेरा धैर्य खत्म हुआ, तो संगठन मंत्री शालीग्राम तोमर जी से शिकायत की।
उन्होंने कहा, ‘मंत्री जी स्कूटर पर बैठाकर मुझे विभाग ले गए और अधिकारियों को डांटा। इसके बाद शाम तक रजिस्ट्रेशन हो गया। उस दिन मुझे पता चला कि यह सहकारिता है।’
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सहकारिता को नई दिशा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में पहली बार अलग से सहकारिता मंत्रालय का गठन किया गया, जिसकी जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दी गई। उन्होंने कहा, ‘सहकारिता समृद्धि का मूल मंत्र है और मध्य प्रदेश इस मामले में देश में अग्रणी राज्य बनने के लिए प्रतिबद्ध है।’
पारदर्शिता और डिजिटलीकरण पर जोर
सम्मेलन में सहकारी संस्थाओं के कंप्यूटरीकरण और पारदर्शिता पर विशेष जोर दिया गया। सीएम डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश की सभी प्राथमिक सहकारी समितियों (PACS) को डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा रहा है, जिससे किसानों और सदस्यों को बेहतर सेवाएं मिल सकें।
माइक्रो एटीएम और बहुउद्देशीय सहकारी समितियों का शुभारंभ
कार्यक्रम में माइक्रो एटीएम पखवाड़े की शुरुआत की गई, जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा दिया जाएगा। साथ ही दूध, मत्स्य पालन और अन्य कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने की योजना भी पेश की गई।
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