MP Dhan Ghotala: मध्य प्रदेश में धान उपार्जन के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आई हैं। आर्थिक अपराध शाखा ने 8 जिलों की 38 सहकारी समितियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 145 लोगों के विरुद्ध 38 FIR दर्ज की हैं। इनमें सिवनी स्थित शकुंतला देवी राइस मिल के मालिक दीपक अग्रवाल के खिलाफ भी आपराधिक मामला दर्ज किया गया है।
50,000 क्विंटल धान की हेराफेरी
EOW की जांच में बालाघाट, सतना, सीधी, मैहर, डिण्डोरी, सागर, पन्ना और सिवनी जिलों में धान उपार्जन प्रक्रिया के दौरान 50,000 क्विंटल धान की हेराफेरी पाई गई। इसके अलावा, सिवनी की शकुंतला देवी राइस मिल में भी बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई है।
शकुंतला राइस मिल में 3184 क्विंटल धान की कमी
जांच में पाया गया कि मिल को वर्ष 2024-25 में मिलिंग के लिए आवंटित धान में 3184 क्विंटल धान/चावल की कमी थी। साथ ही, मिल परिसर में 2297 क्विंटल चावल (4594 बोरियों में) मौजूद था, जो हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और ओडिशा जैसे राज्यों से आया हुआ था।
इसके अलावा, बालाघाट जिले की एक राइस मिल का 28,590 किलोग्राम चावल से भरा ट्रक भी बरामद किया गया। इन अनियमितताओं के आधार पर EOW ने शकुंतला देवी राइस मिल के मालिक दीपक अग्रवाल के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 316(5) के तहत मामला दर्ज किया है।
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EOW की प्रदेशव्यापी कार्रवाई जारी
EOW ने धान उपार्जन में धांधली करने वाली कई सहकारी समितियों के खिलाफ FIR दर्ज की हैं, जिनमें शामिल हैं-
बालाघाट: संतोषी महिला स्वसहायता समूह, सेवा सहकारी समिति अमिरति, कुबेर वेयरहाउस आदि।
सतना: आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मोहगांव, उकवा, चरेगांव आदि।
मैहर, डिण्डोरी, सागर व पन्ना: विभिन्न सहकारी समितियों के खिलाफ मामले दर्ज।
सिवनी: शकुंतला देवी राइस मिल के अलावा अन्य समितियां भी जांच के दायरे में।
क्या है पूरा मामला?
धान उपार्जन प्रक्रिया में सरकारी धान की खरीद, भंडारण और मिलिंग में बड़े पैमाने पर गबन के आरोप लगे हैं। कुछ समितियों और मिलों द्वारा धान की मिलिंग में हेराफेरी कर अधिक मात्रा में चावल बेचने के मामले सामने आए हैं। EOW अब राज्य के अन्य जिलों में भी जांच कर रही है, जहां ऐसी अनियमितताओं की शिकायतें मिली हैं।
इस घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है, और प्रशासन ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया है। आगे की जांच जारी है।
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