हाइलाइट्स
- वाराणसी में गंगा किनारे अवैध निर्माण
- हाईकोर्ट द्वारा गंगा किनारे 200 मीटर तक निर्माण पर रोक
- VDA की लापरवाही
Ganga banks illegal construction: काशी जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व वाले शहर को सुनियोजित तरीके से विकसित करने की जिम्मेदारी वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) को दी गई है। हालांकि, गंगा नदी के किनारे 200 मीटर के दायरे में निर्माण को अवैध माना जाता है, लेकिन विकास प्राधिकरण द्वारा इस दिशा में की जा रही अनदेखी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। उच्च न्यायालय के आदेशों के बावजूद गंगा के किनारे अवैध निर्माण की प्रक्रिया को रोकने में प्राधिकरण नाकाम रहा है।
गंगा के किनारे हो रहे अवैध निर्माण
वाराणसी विकास प्राधिकरण ने गंगा नदी के किनारे 200 मीटर के दायरे में निर्माण करने से मना किया है। लेकिन लंका थाना क्षेत्र में गंगा से सटे आधा दर्जन से अधिक मकानों का तेजी से निर्माण कराया जा रहा है। इसके बावजूद, प्राधिकरण ने इन अवैध निर्माणों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। जबकि अन्य क्षेत्रों में निर्माणों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। ये स्थिति गंगा के किनारे हो रहे निर्माणों पर विकास प्राधिकरण की लापरवाही और अनदेखी को उजागर करती है।
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उच्च न्यायालय के निर्देशों की अवहेलना
उच्च न्यायालय ने स्पष्ट रूप से आदेश दिया था कि गंगा के 200 मीटर के दायरे में कोई नया निर्माण नहीं किया जाएगा, लेकिन इसके बावजूद यहां पर 3 से 4 मंजिला इमारतों का निर्माण हो रहा है। जब जोनल अधिकारी से इस मुद्दे पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने इन निर्माणों के बारे में अनभिज्ञता जताई।
विकास प्राधिकरण की प्रतिक्रिया
इस मामले पर वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग ने कहा कि ये कॉलोनी पूरी तरह से अवैध है और यहां हो रहे निर्माणों को लेकर प्राधिकरण आवश्यक कार्रवाई करेगा। हालांकि, इस दिशा में कोई ठोस कदम अब तक नहीं उठाए गए हैं।
प्राधिकरण की कार्रवाई में देरी
विकास प्राधिकरण की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में नए निर्माणों पर नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन अभी तक गंगा के किनारे हो रहे अवैध निर्माणों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इससे प्राधिकरण पर सवाल उठ रहे हैं, और यह शहर के पर्यावरण और धार्मिक महत्व को खतरे में डाल सकता है।
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