हाइलाइट्स
- बिलासपुर में रिश्वतखोरी पर कड़ी कार्रवाई
- BEO हटाए गए, बाबू सस्पेंड
- शिक्षक की पत्नी से रिश्वत मांगने के मामले में कार्रवाई
CG Bribery Case: बिलासपुर जिले के कोटा ब्लॉक में दिवंगत शिक्षक के देय राशि भुगतान में रिश्वतखोरी का मामला सामने आया है। कलेक्टर अवनीश शरण ने इस मामले में कड़े कदम उठाए हैं। ब्लॉक शिक्षा अधिकारी विजय टांडेय को पद से हटा दिया गया और बाबू एकादशी पोर्ते को निलंबित कर दिया गया।
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दिवंगत पति की देय राशि का लंबित था भुगतान
शासकीय प्राथमिक शाला औछिनापारा में पदस्थ शिक्षिका नीलम भारद्वाज ने शिकायत दर्ज कराई थी। उनके दिवंगत पति शिक्षक पुष्कर भारद्वाज की देय राशि का भुगतान लंबित था।
जब नीलम ने बीईओ कार्यालय में संपर्क किया, तो बाबू एकादशी पोर्ते ने 1.24 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। पैसे न देने पर भुगतान रोक दिया गया।
कलेक्टर ने तीन सदस्यीय जांच टीम की थी गठित
शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर ने तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की। जांच टीम ने 21 मार्च को अपनी रिपोर्ट दी, जिसमें बीईओ विजय टांडेय और बाबू एकादशी पोर्ते को दोषी पाया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि दोनों ने मिलकर दिवंगत परिवार को राशि का भुगतान रोकने की साजिश रची।
भ्रष्टाचार को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं: कलेक्टर
जांच रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर ने बाबू एकादशी पोर्ते को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। बीईओ विजय टांडेय को उनके वर्तमान पद से हटाकर प्राचार्य, शासकीय हाईस्कूल खुरदूर स्थानांतरित कर दिया गया। कलेक्टर ने कहा कि सरकारी प्रक्रियाओं में भ्रष्टाचार को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
दिवंगत शिक्षक की पत्नी को आश्वासन दिया गया है कि उनकी देय राशि जल्द से जल्द प्रदान की जाएगी। यह घटना प्रशासनिक पारदर्शिता और भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त रुख अपनाने का उदाहरण बन गई है।
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