हाइलाइट्स
- विधायक राठौर के सवाल के जवाब में राज्य मंत्री ने दी जानकारी।
- 3-4 माह में नियम बनकर तैयार हो जाएंगे नियम।
- पोषण पुनर्वास केंद्रों में बच्चों की मौत पर चर्चा हुई।
MP Samvida Karmchari News: मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को संविदा कर्मियों और आउटसोर्स कर्मचारियों के मुद्दे पर चर्चा हुई। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक नितेंद्र सिंह राठौर ने संविदा कर्मियों की स्थिति पर सवाल उठाया।
उन्होंने कहा, ‘संविदा कर्मियों को भी सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं मिलनी चाहिए।’ उन्होंने कहा कि ये कर्मचारी आधी-अधूरी तनख्वाह पर काम करते हैं, लेकिन उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद कोई सुरक्षा नहीं मिलती।
राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने कहा
पिछड़ वर्ग कल्याण राज्य मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि संविदा कर्मियों को राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) और ग्रेच्युटी का लाभ दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि संविदा नीति के तहत सभी संविदा कर्मियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन और ग्रेच्युटी मिलेगी। इसके लिए वित्त विभाग द्वारा अलग से दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में असमानता पर चिंता
विधायक दिनेश जैन ने आउटसोर्स कर्मचारियों के वेतन में असमानता के मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि आउटसोर्स कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने वाले वेतन और सरकार द्वारा कंपनियों को दी जाने वाली राशि में काफी अंतर होता है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि अगर सरकार कंपनी को 18 हजार रुपए देती है, तो कंपनी कर्मचारी को केवल 13-14 हजार रुपए देती है। इसमें से पीएफ कटौती के बाद कर्मचारी को और कम राशि मिलती है। उन्होंने मांग की कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए ताकि कंपनियों को एक कर्मचारी पर इतनी अधिक कमाई न हो।
जबलपुर के पोषण पुनर्वास केंद्रों में बच्चों की मृत्यु पर चर्चा
विधानसभा में महिला एवं बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया ने जबलपुर के पोषण पुनर्वास केंद्रों में बच्चों की मृत्यु के मुद्दे पर जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक तीन साल में जबलपुर के पोषण पुनर्वास केंद्रों में 0 से 5 वर्ष की आयु के 7,233 बच्चों को कुपोषण से निजात दिलाने के लिए भर्ती किया गया।
इनमें से 0 से 1 वर्ष के 1,280 और 0 से 5 वर्ष के 148 बच्चों की मृत्यु हुई। मंत्री ने स्पष्ट किया कि इन बच्चों की मृत्यु कुपोषण, निर्बलता या एनीमिया के कारण नहीं, बल्कि अन्य कारणों से हुई।इसके अलावा, मंत्री ने बताया कि जबलपुर जिले में वर्तमान में 4,686 आंगनवाड़ी केंद्र हैं, जिनमें कार्यकर्ता के 37 और सहायिका के 365 पद रिक्त हैं।
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