Aaj Ka Panchang 20 March 2025: 20 मार्च 2025 (गुरुवार) को चैत्र कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि है। षष्ठी तिथि रात्रि दो बजकर 46 मिनट तक रहेगी। शाम 06.20 मिनट तक वज्र योग है। रात 11.32 मिनट तक अनुराधा नक्षत्र रहेगा। वहीं, वसंत संपात है। ये एक खगोलीय घटना है, जो वसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है।
आइए आपको गुरुवार का पंचांग, राहुकाल, शुभ मुहूर्त और वसंत संपात के बारे में बताते हैं।
20 मार्च 2025: चैत्र कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि और गुरुवार
तिथि और नक्षत्र
- षष्ठी तिथि: आज देर रात 2 बजकर 46 मिनट तक रहेगी।
- अनुराधा नक्षत्र: आज रात 11 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
- वज्र योग: आज शाम 6 बजकर 20 मिनट तक रहेगा।
वसंत संपात 2025
- तिथि: 20 मार्च 2025, गुरुवार
- समय: 02:30 PM
- सूर्योदय: 06:25 AM
- सूर्यास्त: 06:32 PM
- दिन की अवधि: 12 घण्टे 07 मिनट्स 18 सेकण्ड्स
- पिछले दिन की अवधि: 12 घण्टे 05 मिनट्स 34 सेकण्ड्स
- आगामी दिन की अवधि: 12 घण्टे 09 मिनट्स 01 सेकण्ड
वसंत संपात का महत्व
वसंत संपात के समय दिन और रात लगभग बराबर होते हैं, जो संतुलन और नए ऊर्जा प्रवाह का प्रतीक होता है।
वसंत संपात को आध्यात्मिक विकास के लिए काफी शुभ माना जाता है। ये समय ध्यान, योग और प्राणायाम जैसे अभ्यासों के लिए काफी अनुकूल होता है।
हिंदू पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पूर्णिमा जो कि वसंत सम्पात के आसपास आती है उस समय समुद्र मंथन से देवी लक्ष्मी अवतरित हुई थीं। इसलिए भी वसंत संपात का विशेष धार्मिक महत्व होता है।
वसंत संपात से एक-दो दिन पहले रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है जो देवी-देवताओं का आशीर्वाद पाने का सबसे खास दिन होता है। कहते हैं इस दौरान देवी-देवता धरती पर आते हैं।
वसंत संपात का वैज्ञानिक महत्व
वसंत सम्पात के बाद उत्तरी गोलार्ध में वसंत ऋतु की शुरुआत हो जाती है। वसंत विषुव के बाद उत्तरी गोलार्ध मार्च में सूर्य के करीब झुक जाता है, जिसकी वजह से ही सूर्योदय पहले और सूर्यास्त बाद में होता है। इसके बाद से दिन और रात के समय में बदलाव होने लगता है।
सूर्योदय एवं चन्द्रोदय
- सूर्योदय: 06:25 AM
- सूर्यास्त: 06:32 PM
- चन्द्रोदय: 12:07 AM, मार्च 21
- चन्द्रास्त: 09:32 AM
- तिथि: षष्ठी – 02:45 AM, मार्च 21 तक
- नक्षत्र: अनुराधा – 11:31 PM तक
- सप्तमी: कृष्ण सप्तमी
- ज्येष्ठा: ज्येष्ठ
- योग: वज्र – 06:20 PM तक
- करण: गर – 01:44 PM तक
- सिद्धि: वणिज – 02:45 AM, मार्च 21 तक
- वार: गुरुवार
- पक्ष: कृष्ण पक्ष
चन्द्र मास, सम्वत एवं बृहस्पति संवत्सर
- विक्रम सम्वत: 2081
- बृहस्पति संवत्सर: – 02:14 PM, अप्रैल 29, 2024 तक
- शक सम्वत: 1946 क्रोधी
- गुजराती सम्वत: 2081 नल
- चन्द्रमास: चैत्र – पूर्णिमान्त
- फाल्गुन: अमान्त
राशि तथा नक्षत्र
- चन्द्र राशि: वृश्चिक
- नक्षत्र पद: अनुराधा – 10:13 AM तक
- सूर्य राशि: मीन
- सूर्य नक्षत्र: उत्तर भाद्रपद
- सूर्य नक्षत्र पद: उत्तर भाद्रपद
- ज्येष्ठा: 06:08 AM, मार्च 21 तक
ऋतु तथा अयन
- द्रिक ऋतु: वसन्त
- दिनमान: 12 घण्टे 07 मिनट्स 18 सेकण्ड्स
- वैदिक ऋतु: शिशिर
- रात्रिमान: 11 घण्टे 51 मिनट्स 32 सेकण्ड्स
- द्रिक अयन: उत्तरायण
- वैदिक अयन: उत्तरायण
शुभ समय
- ब्रह्म मुहूर्त: 04:50 AM से 05:37 AM
- प्रातः सन्ध्या: 05:14 AM से 06:25 AM
- अभिजित मुहूर्त: 12:04 PM से 12:53 PM
- विजय मुहूर्त: 02:30 PM से 03:18 PM
- गोधूलि मुहूर्त: 06:30 PM से 06:54 PM
- सायाह्न सन्ध्या: 06:32 PM से 07:43 PM
- अमृत काल: 11:57 AM से 01:44 PM
- निशिता मुहूर्त: 12:04 AM, मार्च 21 से 12:52 AM, मार्च 21
- सर्वार्थ सिद्धि योग: 06:25 AM से 11:31 PM
- रवि योग: 11:31 PM से 06:24 AM, मार्च 21
अशुभ समय
- राहुकाल: 02:00 PM से 03:31 PM
- यमगण्ड: 06:25 AM से 07:56 AM
- गुलिक काल: 09:27 AM से 10:58 AM
- विडाल योग: 11:31 PM से 06:24 AM, मार्च 21
- वर्ज्य: 05:39 AM, मार्च 21 से 07:24 AM, मार्च 21
- दुर्मुहूर्त: 10:27 AM से 11:16 AM
- गण्ड मूल: 11:31 PM से 06:24 AM, मार्च 21
- बाण: चोर – 07:43 PM से पूर्ण रात्रि तक
- भद्रा: 02:45 AM, मार्च 21 से 06:24 AM, मार्च 21
आनन्दादि एवं तमिल योग
- आनन्दादि योग: आनन्द – 11:31 PM तक
- तमिल योग: सिद्ध – 11:31 PM तक
- जीवनम: निर्जीव – 11:31 PM तक
- नेत्रम: दो नेत्र
- निवास और शूल
होमाहुति: गुरु♃ - दिशा शूल: दक्षिण
- अग्निवास: पृथ्वी
- नक्षत्र शूल: पूर्व – 11:31 PM से पूर्ण रात्रि तक
- भद्रावास: स्वर्ग – 02:45 AM, मार्च 21 से पूर्ण रात्रि तक
- चन्द्र वास: उत्तर
- शिववास: भोजन में – 02:45 AM, मार्च 21 तक
- राहु वास: दक्षिण
- कुम्भ चक्र: गर्भ
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