हाइलाइट्स
- हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने सिंगल बेंच का आदेश निरस्त किया।
- कार्यभारित कर्मचारियों को पेंशन, अन्य सुविधा पाने का हक।
- डिविजन बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया।
MP High Court News: हाई कोर्ट की डिविजन बेंच ने लोक निर्माण विभाग में 30 साल तक काम कर चुके कार्यभारित कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह पेंशन, ग्रेच्युटी और अन्य सुविधाएं देने का आदेश दिया है। यह फैसला 12 कर्मचारियों द्वारा दायर अपील पर सुनाया गया, जिसमें सिंगल बेंच के पहले के आदेश को निरस्त कर दिया गया।
कर्मचारियों की मांग और सिंगल बेंच का फैसला
कर्मचारियों ने सिंगल बेंच के समक्ष याचिका दायर कर नियमित कर्मचारियों की तरह रिटायरमेंट के बाद की सुविधाएं देने और उन्हें नियमित कर्मचारी मानने की मांग की थी। हालांकि, सिंगल बेंच ने फुल कोर्ट द्वारा ममता विरुद्ध मप्र सरकार के मामले में दिए गए आदेश का हवाला देते हुए याचिका खारिज कर दी थी। कर्मचारियों ने इस आदेश के खिलाफ अपील दायर की, जो काफी विलंब से पेश की गई थी।
शासन का रुख और डिविजन बेंच का फैसला
शासन ने अपील पर सरकार को नोटिस जारी किए और जवाब दिया कि अपील बहुत देर से दायर की गई है। साथ ही, सभी अपीलकर्ता रिटायर हो चुके हैं और उन्हें पेंशन भी नहीं मिल रही है। शासन ने यह भी कहा कि ये कर्मचारी अपील दायर करने के हकदार भी नहीं हैं।
हालांकि, डिविजन बेंच ने सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाया कि सिंगल बेंच ने फुल बेंच के आदेश को गलत तरीके से उल्लेखित किया है। डिविजन बेंच ने कहा कि फुल बेंच का वह आदेश इस मामले से पूरी तरह अलग था। इससे पहले भी इसी तरह के मामले को फुल बेंच ने डिसाइड किया था। डिविजन बेंच ने कार्यभारित कर्मचारियों को भी पेंशन और अन्य सुविधाएं दिए जाने के आदेश दिए हैं।
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31 मार्च से पहले वेतन भुगतान की मांग
ऑल डिपार्टमेंट आउटसोर्स कर्मचारी मोर्चा ने मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी से यह मांग की है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को अप्रैल से बढ़ाए गए वेतन और उसके एरियर का भुगतान 31 मार्च से पहले कर दिया जाए।
मोर्चा के संयोजक मनोज भार्गव ने बताया कि मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी में संबंधित आउटसोर्स एजेंसी के एग्रीमेंट 31 मार्च को समाप्त हो रहे हैं। साथ ही, टेंडर भी जारी हो चुके हैं। उन्होंने चिंता जताई कि यदि इससे पहले आदेश नहीं हुए तो कर्मचारियों को एरियर मिलना मुश्किल हो सकता है।
रिटायर्ड कर्मचारियों का डाटा जुटाने की मांग
कई संवों के कर्मचारी संघों ने सरकार के सामने एक नई मांग रखी है। इन संगठनों के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार को पिछले 8 साल में रिटायर हुए कर्मचारियों और अधिकारियों का डाटा इकट्ठा करवाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि लगभग 1 लाख अधिकारी और कर्मचारी बिना प्रमोशन के रिटायर हो गए हैं। इन्हें सेवाकाल के दौरान प्रमोशन का लाभ नहीं मिला है। संगठनों का मानना है कि इस डाटा के आधार पर इन कर्मचारियों के साथ हुए अन्याय को दूर किया जा सकता है।
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