(रिपोर्ट- कमलेश सारडा)
MP News: प्रदेश के डीजल पेट्रोल पंपो पर केंद्र और राज्य सरकार ने जीएसटी लागू नहीं कर रखा है। इसके बावजूद भी सभी पेट्रोल पंप मालिकों को को जीएसटी की पेशिया करना पड़ती है इससे प्रदेश सरकार को पंप मालिकों को मुक्ति दिलाना चाहिए।
यह बात मनासा क्षेत्र के विधायक अनिरुद्ध माधव मारू ने बजट सत्र के दौरान प्रमुखता से उठाई। मारू ने कहा कि जो लीगल रूप से पंप मालिक बिजनेस कर रहे हैं उन्हें जीएसटी की पेशीया करना पड़ रही है। इसके विपरीत जो अवैध रूप से बायोडीजल बना रहे हैं।
उनकी गुणवत्ता की चेकिंग वह अन्य आवश्यक वैधानिक फॉर्मेलिटी पूरी नहीं करते हैं और अवैध बिजनेस कर रहे हैं जिस पर जांच होना चाहिए। इसी प्रकार माधव मारू ने कहा कि नीमच मंदसौर क्षेत्र से प्रतिदिन 100 ट्रक से अधिक संतरे की पैदावार हो रही है जो की नागपुर से अधिक उत्पादन है लेकिन इसके लिए प्रॉपर कोई मंडी नहीं है इसके लिए भी फ्रूट मंडी की नीमच मंदसौर जिले में व्यवस्था होना चाहिए।
मध्य प्रदेश में पेट्रोल पंपों की सूची
23 जनवरी, 2025 तक मध्य प्रदेश में 6130 पेट्रोल पंप हैं, जो 2023 से 6.15% की वृद्धि है। इनमें से 3697 पेट्रोल पंप जो मध्य प्रदेश के सभी पेट्रोल पंपों का 60.31% है, एकल-स्वामित्व वाले हैं, जबकि शेष 2433 जो 39.69% है, बड़े ब्रांडों का हिस्सा हैं। सबसे ज्यादा पेट्रोल पंप वाले शीर्ष तीन शहर भोपाल हैं। जहां 282 पेट्रोल पंप हैं, इंदौर में 227 पेट्रोल पंप हैं, ग्वालियर में 189 पेट्रोल पंप हैं।
जीएसटी फाइलिंग और एसेसमेंट में छूट मिलना चाहिए
पूरे मामले में चार्टर्ड अकाउंटेंट पीयूष जैन से चर्चा करने पर बताया कि पेट्रोल पंप मालिकों को असेसमेंट और जीएसटी फाइलिंग करवाना पड़ती है और उसके कारण कई बार कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे निजात के लिए विधायक जी ने बात कही है
प्रदेश के प्रमुख शहर/क्षेत्र के अनुसार पेट्रोल पंपों की संख्या
भोपाल | 282 |
इंदौर | 227 |
ग्वालियर | 189 |
जबलपुर | 148 |
देवास | 123 |
सागर | 122 |
उज्जैन | 96 |
खंडवा | 95 |
रीवा | 92 |
मंदसौर | 86 |
गुना | 77 |
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