हाइलाइट्स
- एमपी विधानसभा में मंडला एनकाउंटर की गूंज।
- कांग्रेस बोली- आदिवासी की हत्या की।
- विधानसभा में नारेबाजी-वॉकआउट किया।
MP Budget Session Day 6th Updates: मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मंगलवार को कांग्रेस ने मंडला आदिवासी एनकाउंटर मामले में वॉकआउट किया। इससे पहले सोमवार को भी कांग्रेस विधायकों ने इसी मुद्दे पर सदन की कार्रवाई का बहिष्कार किया था।
बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सरकार को घेर रहे हैं। विधायक विक्रांत भूरिया ने सदन में मंडला एनकाउंटर का मुद्दा उठाया और कहा कि आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं। इस एनकाउंटर में पुलिस की भूमिका संदेह के घेरे में है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा सत्र के दौरान मंडला में हुए फर्जी एनकाउंटर मामले की जांच की मांग की। सरकार की तरफ से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिलने के कारण विधायकों ने सदन से वॉकआउट किया। एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच तथा पीड़ित परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की। इस दौरान कांग्रेस विधायकों ने जोरदार नारेबाजी की और आदिवासी पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने तथा आदिवासियों पर अत्याचार बंद करने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि पीड़ित परिवार के सदस्य को नौकरी और 1 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘नक्सली बताकर जिसे मारा गया है, वह एक निर्दोष आदिवासी था और सरकार जांच के नाम पर पल्ला झाड़ रही है।’ उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को पीड़ित आदिवासी परिवार के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और उन्हें न्याय दिलाना चाहिए।
MP Budget Session Day 6th Updates:
सिंहस्थ के लिए आगर में भी विकसित हों सुविधाएं
भाजपा विधायक माधव सिंह ने कहा कि आगर उज्जैन से सटा हुआ है, इसलिए उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ के मद्देनजर आगर में भी सभी आवश्यक सुविधाएं विकसित की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिंहस्थ जैसे महत्वपूर्ण आयोजन के लिए आगर को भी तैयार किया जाए, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।
विधायक बताया कि उनके क्षेत्र में विंड एनर्जी और सोलर एनर्जी पर काफी काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि इन परियोजनाओं के चलते यहां उद्योगपतियों का आना-जाना लगा रहता है। इससे क्षेत्र में विकास के नए अवसर पैदा हो रहे हैं।
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18 साल बाद भी अधूरा है राम वन गमन पथ
छिंदवाड़ा जिले की जुन्नारदेव विधानसभा सीट से कांग्रेस विधायक सुनील उइके ने कहा कि 2007 में सरकार ने राम वन गमन पथ बनाने की घोषणा की थी। आज तक कोई काम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि भगवान राम को तो केवल 14 साल का वनवास हुआ था, लेकिन यहां 18 साल बीत गए और घोषणा सिर्फ घोषणा बनकर रह गई।
आठ साल से सब इंस्पेक्टर की परीक्षा नहीं हुई
विधायक नितेंद्र सिंह राठौड ने कहा कि आठ साल से सब इंस्पेक्टर के पदों पर परीक्षा नहीं हुई। थानों में इंस्पेक्टर नहीं है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में भाजपा सरकार है। फिर भी राज्य में यूपी से महंगा पेट्रोल-डीजल है। उन्होंने कहा, सरकार संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों पर निर्भर है।
कांग्रेस विधायकों ने किया वॉकआउट
विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने मंडला नक्सली मुठभेड़ को फर्जी बताते हुए आरोप लगाया कि पुलिस ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए एक आदिवासी की हत्या की है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की जांच एक रिटायर्ड जज द्वारा कराई जानी चाहिए।
इस पर मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब दिया कि सुरक्षा बलों ने पहले आत्मसमर्पण का आह्वान किया था, लेकिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण करने के बजाय पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी। इसके बाद ही जवाबी कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि मामले की 11 बिंदुओं पर मजिस्ट्रेट द्वारा जांच चल रही है।
मंत्री के इस जवाब से कांग्रेस विधायक संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही से वॉकआउट कर दिया।
मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने मंडला एनकाउंटर मामले पर दिया जवाब
मंडला नक्सली एनकाउंटर मामले पर गृह राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि इस मामले की 11 बिंदुओं पर मजिस्ट्रेट जांच चल रही है। उन्होंने बताया कि सुरक्षा बलों ने घटनास्थल पर पहले आत्मसमर्पण का आह्वान किया था, लेकिन आत्मसमर्पण करने के बजाय पुलिस पर फायरिंग की गई। इसके बाद ही जवाबी कार्रवाई की गई।
विपक्ष के नेता उमंग सिंघार ने इस मामले में पीड़ित परिवार को मदद देने की मांग की। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकार की ओर से नौकरी और 2 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जानी चाहिए।
गृह राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री ने इस मामले में पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि परिवार को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ दिया जाएगा।
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विधायक विक्रांत भूरिया ने मंडला नक्सली एनकाउंटर मामले को उठाया
विधायक विक्रांत भूरिया ने मंडला नक्सली एनकाउंटर के मामले को विधानसभा में उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पुलिस ने अपना टारगेट पूरा करने के लिए एक निर्दोष आदिवासी की हत्या की है। भूरिया ने आरोप लगाया कि एक ओर सरकार नक्सलवाद खत्म करने का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर निर्दोष आदिवासियों को मौत के घाट उतारा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर सबसे अधिक अत्याचार हो रहे हैं।
इस मामले पर गृह राज्यमंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि पुलिस पर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं। उन्होंने बताया कि मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं और इसकी पूरी जांच की जाएगी।
विधायक मुंजारे ने लगाया नलकूप खनन में अनियमितता के आरोप
विधायक अनुभा मुंजारे ने लघु वनोपज संघ, उत्तर बालाघाट में सप्लाई और नलकूप खनन टेंडर के मामले में सरकार से जानकारी मांगी। उन्होंने सदन में पूछा कि इस मामले में जो कार्य कराए गए हैं, वे किन अधिकारियों की मौजूदगी में हुए हैं? विधायक ने इस मामले में अनियमितता का आरोप लगाते हुए सरकार से पारदर्शी जांच की मांग की।
इस पर मंत्री दिलीप अहिरवार ने जवाब देते हुए कहा कि इस मामले में वित्तीय अनियमितता की जांच की जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी गलत करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा और इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी अभिनव पल्लव के खिलाफ पूरी सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।
भ्रष्ट अधिकारी को बचा रहे मंत्री
विधानसभा में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधायक नरेंद्र सिंह कुशवाहा ने भिंड में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के महाप्रबंधक की लापरवाही के मामले पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस लापरवाही के कारण बिजली कटौती की समस्या उत्पन्न हुई है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।
इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने जवाब देते हुए कहा कि क्षेत्र में पर्याप्त बिजली आपूर्ति की जा रही है और सरकार इस मामले में पूरी तरह सजग है।
इसके बाद विधायक कुशवाहा ने आरोप लगाया कि मंत्री महोदय भ्रष्ट अधिकारी को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि ऐसे लापरवाह और भ्रष्ट अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर जांच की जानी चाहिए।
इस पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि विधायक द्वारा दिए गए सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि 31 मार्च के बाद संबंधित अधिकारी को हटा दिया जाएगा और इस मामले की वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा जांच कराई जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि यदि अधिकारी दोषी पाए जाते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वन विभाग के काम में गुणवत्ता नहीं
विधायक उमा देवी खटीक ने कहा कि वन विभाग को सागोनी, हटा और दमोह में 37 कार्य करवाने थे, जिनमें से दस पूरे हो पाए हैं। इसमें गुणवत्ता का पालन नहीं किया गया है। इसके जवाब में वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने बताया,’कुछ काम बजट नहीं मिलने के कारण अधूरे हैं। इन्हें जल्द पूरा किया जाएगा।
दिवंगत नेताओं को सदन में दी गई श्रद्धांजलि
मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राजेंद्र कुमार सिंह ने दिवंगत पूर्व विधायक विष्णु राजोरिया, डॉ. देवचरण सिंह मधुकर और सुरेंद्रनाथ सिंह को सदन में श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान सदन में सभी सदस्यों ने मौन रहकर उन्हें अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
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