हाइलाइट्स
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क्रेडाई भोपाल की मांग
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लैंड यूज की गाइडलाइन दरों में असामान्य वृद्धि पर आपत्ति
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क्रेडाई भोपाल ने की निराकरण तक रोक की मांग
CREDAI Bhopal: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में करीब 20 साल से लैंड यूज में बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन गाइडलाइन दरों में 300 प्रतिशत से 615 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। क्रेडाई भोपाल प्रतिनिधिमंडल ने मंत्री विश्वास सारंग और विधायक रामेश्वर शर्मा से मुलाकात की। उन्होंने गाइडलाइन दरों में असामान्य वृद्धि को अनुचित बताया और उचित निराकरण होने तक रोक की मांग की है।
लैंड यूज 20 सालों से नहीं बदला
भोपाल क्रेडाई का कहना है कि भूमि उपयोग पिछले 20 वर्षों से समान बना हुआ है, फिर भी गाइडलाइन दरों में हर साल वृद्धि की जा रही है। भोपाल संभाग के समस्त जिलों के कई क्षेत्रों में पिछले वर्षों में गाइडलाइन दरों में 300% से 615% तक वृद्धि दर्ज की गई है। इस वृद्धि का कोई वैज्ञानिक आधार या आर्थिक विश्लेषण नहीं किया गया।
रियल एस्टेट और निवेश प्रभावित
गाइडलाइन दर बढ़ने से अंचल संपत्ति की वास्तविक खरीदी-बिक्री में भारी गिरावट दर्ज की गई है, जिससे सरकार के राजस्व पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। कई राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक संस्थानों और उद्यमियों ने अत्यधिक सरकारी मूल्य वृद्धि के कारण भोपाल संभाग के समस्त जिलों में निवेश करने से परहेज किया है। गाइडलाइन दरें बढ़ने से प्रॉपर्टी टैक्स तथा विभिन्न शुल्क और करों में सीधी वृद्धि हुई है, जिससे आम नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है।
इंदौर और भोपाल में तुलना
इंदौर एक औद्योगिक एवं व्यावसायिक केंद्र है, जहां संपत्ति की मांग ज्यादा है। फिर भी वहां गाइडलाइन दरों की वृद्धि तुलनात्मक रूप से बहुत संयमित रही है। भोपाल संभाग के समस्त जिलों में बिना किसी औद्योगिक और व्यावसायिक प्रोत्साहन के गाइडलाइन दरें अत्यधिक बढ़ा दी गई हैं। राजधानी में संपत्ति की कीमतें इतनी बढ़ गई हैं कि मध्यम और निम्न वर्ग के लिए घर या भूखंड खरीदना असंभव हो गया है जिससे अवैध कॉलोनियों का कारोबार बढ़ा है। हाउसिंग फॉर ऑल मिशन सपना बन गया है।
मुख्य बिंदु
भोपाल संभाग में गाइडलाइन दरों में 300% से 615% तक वृद्धि
भूमि उपयोग में बदलाव नहीं, फिर भी दरों में बढ़ोतरी जारी
बढ़े हुए रेट से रियल एस्टेट निवेश और आम नागरिकों पर वित्तीय बोझ
संपत्ति बाजार में मंदी, राजस्व पर भी प्रतिकूल प्रभाव
क्रेडाई की मांगें
गाइडलाइन दरों में वृद्धि पर तुरंत रोक लगाई जाए।
वर्ष 2019-20 (Pre-COVID) के स्तर पर दरों को वापस लाया जाए।
कृषि भूमि सहित सभी अनावश्यक उपबंध समाप्त किए जाएं।
तीन वर्षों तक किसी भी वृद्धि पर प्रतिबंध लगाया जाए।
स्वतंत्र विशेषज्ञ समिति गठित कर गाइडलाइन दर निर्धारण प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाए।
विधायकों का समर्थन
मंत्री विश्वास सारंग और विधायक रामेश्वर शर्मा ने क्रेडाई की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि संपत्ति बाजार और नागरिकों के हित में इस वृद्धि को तत्काल रोका जाना चाहिए। उन्होंने प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए क्रेडाई की मांग को न्यायसंगत बताया।
क्रेडाई अध्यक्ष मनोक मीक ने ये कहा
क्रेडाई अध्यक्ष मनोज मीक ने कहा कि गाइडलाइन दरों में असंतुलित वृद्धि से भोपाल संभाग में संपत्ति बाजार प्रभावित हो रहा है, जिससे आम नागरिकों, व्यवसायियों, निवेशकों और डेवलपर्स को नुकसान हो रहा है। इस पर ठोस और पारदर्शी नीति बननी चाहिए।
पारदर्शी विश्लेषण हेतु विभाग से क्लीन डेटा की मांग
क्रेडाई ने सरकार से मांग की है कि गाइडलाइन दरों का संपूर्ण ऐतिहासिक डेटा सार्वजनिक किया जाए, मूल्य वृद्धि की प्रक्रिया को वैज्ञानिक और पारदर्शी बनाया जाए और स्वतंत्र समिति द्वारा समीक्षा रिपोर्ट आने तक वृद्धि स्थगित की जाए।
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निराकरण तक वृद्धि में रोक की मांग
भोपाल में संपत्ति गाइडलाइन दरों में प्रस्तावित अनावश्यक और असंतुलित वृद्धि को लेकर आज क्रेडाई भोपाल के प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। मंत्री विश्वास सारंग और विधायक रामेश्वर शर्मा ने गाइडलाइन दरों में असामान्य वृद्धि को अनुचित बताते हुए कहा कि जब तक उचित निराकरण नहीं हो जाता, इसे रोका जाना चाहिए।
मंगलवार को इनसे मिलेगा क्रेडाई भोपाल
क्रेडाई भोपाल का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को सुबह उपमुख्यमंत्री सहित विधायक कृष्णा गौर और भगवान दास सबनानी से मुलाकात करेगा।
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