Mahakumbh 2025 Stampede CBI Investigation Petition: उत्तर प्रदेश सरकार को महाकुंभ भगदड़ मामले में बड़ी राहत मिली है। हाइकोर्ट ने यूपी की योगी सरकार को बड़ी राहत देते हुए फैसला सुनाया है कि महाकुंभ भगदड़ की सीबीआई जांच नहीं होगी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने महाकुंभ भगदड़ की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दाखिल याचिका को खारिज कर दिया है।
जनहित में दायर की गई थी याचिका
बता दें,यह याचिका योगेंद्र पाण्डेय और अन्य ने जनहित में दायर की थी। इस याचिका में महाकुंभ के समय हुई भगदड़ की घटनाओं की जांच सीबीआई से कराने की मांग की गई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने इस मामले की सुनवाई की।
याचिका औचित्यहीन और निराधार- हाई कोर्ट
चीफ जस्टिस अरुण भंसाली की बेंच ने आज की सुनवाई में इस याचिका को औचित्यहीन और निराधार बताते हुए खारिज कर दिया है। बैंच ने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच की कोई जरूरत नहीं है। साथ ही याचिका में कोई ठोस कारण या सबूत पेश नहीं किए गए हैं।
बता दें, महाकुंभ में भगदड़ का मामला 11 मार्च 2025 को पहली बार सुनवाई के लिए आया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने इस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज 17 मार्च को कोर्ट ने अपना अंतिम आदेश सुनाते हुए याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, महाकुंभ 2025 में मौनी अमावस्या के दौरान मेला क्षेत्र में भगदड़ मच गई थी और कई श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी। इसके बाद लोगों ने सीबीआई जांच की मांग उठानी शुरू कर दी थी।
कानपुर डीएम ने चुन्नीगंज में किया औचक निरीक्षण: उप शिक्षा निदेशक समेत 14 कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के दिए निर्देश
Kanpur News: कानपुर के डीएम जितेंद्र प्रताप सिंह ने सोमवार की सुबह चुन्नीगंज में डीआईओएस ऑफिस का औचक निरीक्षण किया। सुबह-सुबह ऑफिस में डीएम को देखते ही कर्मचारियों और अधिकारियों के होश उड़ गए। डीएम ने अटेंडेंस चेक की तो उप शिक्षा निदेशक राजीव राणा खुद एब्सेंट मिले। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें..