बाबा विश्वनाथ का धाम काशी में अबीर-गुलाल के साथ…होलियाना उत्सव की शुरुआत हो गई है…काशी के गंगा घाट की होली हो या फिर देवर-भौजाई की होली… यहां रंगों का उत्सव अलग ही होता है!…होली के रंग बिरंगे रंगों के साथ गीतों की फुहार…लोगों का मन मोह लेता है…क्योंकि यहां की होली की बात ही कुछ और है…