Aaj Ka Panchang 4 March 2025: हिंदू धर्म में सप्ताह के प्रत्येक दिन का विशेष धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व होता है। मंगलवार को भगवान हनुमान और मंगल ग्रह से जोड़ा जाता है। यह दिन शक्ति, ऊर्जा और साहस का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष पूजा-अर्चना और उपाय करने से व्यक्ति को जीवन में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
धार्मिक दृष्टि से मंगलवार का महत्व
धार्मिक दृष्टि से, मंगलवार को भगवान हनुमान की पूजा करने से भक्तों को भय, नकारात्मक ऊर्जा और बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करने से जातक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। भगवान हनुमान की कृपा से व्यक्ति को शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है, साथ ही संकटों से रक्षा होती है।
ज्योतिषीय दृष्टि से मंगलवार का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मंगलवार का संबंध मंगल ग्रह से है, जिसे युद्ध, साहस और पराक्रम का कारक माना जाता है। अगर कुंडली में मंगल अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति को क्रोध, पारिवारिक कलह और अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए मंगलवार के दिन मंगल ग्रह को शांत करने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं।
मंगलवार के दिन किए जाने वाले उपाय
- मंगलवार के दिन व्रत रखना शुभ माना जाता है। इससे मंगल ग्रह की शांति होती है और व्यक्ति को शक्ति प्राप्त होती है।
- इस दिन लाल रंग के वस्त्र पहनने से मंगल ग्रह की कृपा प्राप्त होती है। लाल रंग ऊर्जा और साहस का प्रतीक है।
- मंगलवार के दिन मसूर की दाल, गुड़ और लाल फूल का दान करना शुभ माना जाता है। इससे मंगल ग्रह की अनुकूलता बढ़ती है और जीवन में सुख-शांति आती है।
- इस दिन हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और बजरंग बाण का पाठ करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
आज का पंचांग देखें (4 मार्च 2025)
सूर्योदय एवं चंद्रोदय
सूर्योदय | 06.43 AM | सूर्यास्त | 06.23 PM |
चंद्रोदय | 09.18 AM | चंद्रास्त | 11.21 PM |
पंचांग
- तिथि- पंचमी: 03.16 PM तक
- नक्षत्र- भरणी: 37 AM, 5 मार्च तक
- योग- इंद्र: 02.07 AM, 5 मार्च तक
- वार- मंगलवार
- पक्ष- शुक्ल पक्ष
- बालव- 03.16 PM तक
- कौलव- 02.01 AM, 5 मार्च तक
चंद्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | 2081 पिङ्गल | बृहस्पति संवत्सर | पिङ्गल 02.14 PM, 29 अप्रैल तक |
शक संवत | 1946 क्रोधी | कालयुक्त | |
गुजराती संवत | 2081 नल | चंद्रमास | फाल्गुन- पूर्णिमांत |
प्रविष्टे/गते | 21 | फाल्गुन- आमंत |
राशि, नक्षत्र, ऋतु और अयन
- चंद्र राशि- मेष
- सूर्य राशि- कुंभ
- सूर्य नक्षत्र- शतभिषा- 06.49 PM तक
- सूर्य नक्षत्र पद- शतभिषा- 06.49 PM तक
- द्रिक ऋतु- बसंत
- द्रिक अयन- उत्तरायण
- वैदिक अयन- उत्तरायण
- दिनमान- 11 घंटे 59 मिनट 50 सेकेंड
- रात्रिमान- 12 घंटे 19 मिनट 04 सेकेंड
- मध्याह्न- 12.33 PM
शुभ समय
- ब्रह्म मुहूर्त- 05.04 AM से 05.54 AM
- अभिजित मुहूर्त- 12.10 PM से 12.56 PM
- गोधूलि मुहूर्त- 06.20 PM से 06.45 PM
- अमृत काल- 10.12 PM से 11.40 PM
- सर्वार्थ सिद्धि योग- 02.37 AM से 06.42 AM, 5 मार्च तक
- प्रातः संध्या- 05.29 AM से 06.43 AM
- विजय मुहूर्त- 02.30 PM से 03.16 PM
- रवि योग- 06.43 AM से 06.49 AM
अशुभ समय
- राहुकाल- 03.28 PM से 04.55 PM
- गुलिक काल- 12.33 PM से 02.00 PM
- यमगण्ड- 09.38 AM से 11.05 AM
- विडाल योग- 06.43 AM से 06.49 PM
- ज्वालामुखी योग- 06.43 AM से 03.16 PM
- दुर्मुहूर्त- 09.03 AM से 09.50 AM
निवास और शूल
- होमाहुति- बुध
- दिशा शूल- उत्तर
- चंद्रवास- पूर्व
- राहु वास- पश्चिम
- कुंभ चक्र- दक्षिण- 06.49 PM तक, पूर्व- 02.37 AM, 5 मार्च तक
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