Ambikapur Mayor Shapath: छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत ने शनिवार को मेयर पद की शपथ ली। अंबिकापुर नगर निगम का गठन 2004 में हुआ था। मंजूषा भगत निगम की पहली महिला महापौर बनी हैं। वर्ष 2004 से 2014 तक भाजपा के प्रबोध मिंज और 2014 से 2024 तक कांग्रेस के डॉ. अजय तिर्की महापौर रहे। एक दशक (Ambikapur Mayor Shapath) बाद भाजपा ने निगम सरकार पर फिर से कब्जा किया है। इस बार 48 में से 31 वार्डों में भाजपा के पार्षद विजयी हुए हैं। एक वार्ड में भाजपा से बगावत कर चुनाव मैदान में उतरे शैलेश सिंह की जीत हुई है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह समेत कई गणमान्य लोग शामिल हुए। हालांकि, कांग्रेस के पार्षदों ने इस समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया और 3 मार्च को अलग से शपथ लेने का फैसला किया।
Ambikapur: महापौर सहित 32 पार्षद का शपथ ग्रहण, मंजूषा भगत ने ली महापौर पद की शपथ, समारोह में सीएम विष्णुदेव साय हुए शामिल #chhattisgarh #ChhattisgarhNews #CGNews #ambikapur pic.twitter.com/QgWfPBhkSh
— Bansal News (@BansalNewsMPCG) March 2, 2025
कांग्रेस ने किया समारोह का बहिष्कार
कांग्रेस के पार्षदों ने नवनिर्वाचित महापौर मंजूषा भगत (Ambikapur Mayor Shapath) के एक विवादित बयान के बाद शपथ समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया। मंजूषा भगत ने कहा था कि वे पहली हिंदू महापौर हैं और पूर्व महापौर द्वारा उपयोग किए गए कुर्सी-टेबल को हटाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि वे गंगाजल से शुद्धिकरण के बाद पदभार संभालेंगी। इस बयान के बाद कांग्रेस ने उनके खिलाफ रैली निकाली और कोतवाली थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया। कांग्रेस ने मंजूषा भगत से सार्वजनिक माफी नहीं मांगने पर शपथ ग्रहण समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया। नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने कांग्रेस पार्षदों के शपथ के लिए सरगुजा कलेक्टर से चर्चा की। इसके अनुसार, कांग्रेस के पार्षद 3 मार्च, सोमवार को कलेक्टर कक्ष में शपथ लेंगे।
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मंजूषा भगत ने स्पष्ट किया अपना बयान
विवाद के बाद मंजूषा भगत (Ambikapur Mayor Shapath) ने शनिवार को एक बयान जारी कर कहा कि उनके कहने का अर्थ गलत निकाला गया। उन्होंने कहा कि उनका उद्देश्य किसी को नीचा दिखाना नहीं था, बल्कि वे केवल अपने कार्यकाल की शुरुआत को शुद्ध और पवित्र तरीके से करना चाहती हैं।
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