MP Corruption: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही है। इसी क्रम शनिवार को शासकीय महाविद्यालय कानवन जिला धार के प्रभारी प्राचार्य डॉ. मंजू पाटीदार को प्यून से नौ हजार रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। इस कार्रवाई को इंदौर लोकायुक्त पुलिस टीम ने अंजाम दिया।
चौकीदार का 4 महीने का वेतन निकाले मांगी प्राचार्य ने रिश्वत
जानकारी के मुताबिक कॉलेज के चौकीदार विजय बारिया का सितंबर से दिसंबर 2024 तक 4 महीने का वेतन रूका है। इसे मंजूर करने के लिए चौकीदार विजय ने कई बार प्राचार्य डॉ. मंजू पाटीदार से आग्रह किया, लेकिन उन्होंने कई पेंच लगाकर अब तक उसका वेतन नहीं निकाला है। काफी मनुहार करने के बाद प्राचार्य ने चार महीने का रुका वेतन निकालने के लिए 13 हजार रुपए की मांग कर दी। इसके बाद परेशान चौकीदार विजय ने इसकी शिकायत इंदौर लोकायुक्त पुलिस के एसपी राजेश सहाय से कर दी।
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इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने की कार्रवाई
लोकायुक्त पुलिस ने अपने स्तर से मामले की सत्यता परखी और बाद में ट्रैप दल का गठन किया। फिर योजना के अनुसार शनिवार को प्रभारी प्राचार्य डॉ. मंजू पाटीदार को 9 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी प्राचार्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 की धारा 7 के तहत कार्रवाई की गई।
एडिशनल एसपी का स्टेनो रिश्वत लेते गिरफ्तार: लोकायुक्त पुलिस ने 25 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथों कपड़ा
MP Corruption case: मध्यप्रदेश में करप्शन की हद हो गई। शुक्रवार को प्रदेश में चार जगह रिश्वतखोरी के मामलों में कार्रवाई की गई। चौथा मामला दमोह एडिशनल एसपी कार्यालय का है। जहां सागर लोकायुक्त ने एडिशनल एसपी के स्टेनो त्रिलोक अहिरवार को 25 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। घूसखोरी का ये पूरा खेल एडिशनल एसपी कार्यालय में चल रहा था। आरोपी स्टेनो पहले भी पांच हजार रुपए की रिश्वत ले चुका था। आवेदक सुमित सोनी की शिकायत पर सागर लोकायुक्त की टीम ने यह कारवाई की है। खदान पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई रोकने के एवज में स्टेनो त्रिलोक अहिरवार ने रिश्वत मांगी थी। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें…