UP Staff Nurse Scam: उत्तर प्रदेश में स्टॉफ नर्स भर्ती फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद अब पूरे प्रदेश में इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। अब 2022 और उससे पहले पांच वर्ष तक हुई भर्ती से जुड़े प्रकरणों का नए सिरे से सत्यापन कराया जाएगा। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इसके लिए सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों (cmo) को निर्देश दिया है।
बलिया में 15 लोगों पर एफआईआर
जानकारी के मुताबिक. 2022 में और पांच वर्ष पहले तक हुई भर्ती से जुड़े मामलों का नए सिरे से सत्यापन कराया जाना है। इसको लेकर अकेले देवरिया से सटे बलिया जिले में बलिया में 15 लोगों पर एफआईआर हो चुकी है।
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जानकारी के अनुसार, इस घोटाले में कई डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं। आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया के दौरान नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं और बिना योग्यता वाले उम्मीदवारों को चयनित किया गया। इस मामले में बलिया जिले में पहले ही 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी है। इनमें से कई आरोपी ड्यूटी छोड़कर फरार हैं, जिनमें डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ शामिल हैं।
राज्य भर में हुई नर्स भर्ती प्रक्रिया में व्याप्त गड़बड़ी
स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह घोटाला राज्य भर में हुई नर्स भर्ती प्रक्रिया में व्याप्त गड़बड़ियों को उजागर करता है। उन्होंने कहा, “हमने सभी जिलों के सीएमओ को निर्देश दिए हैं कि वे 2022 और उससे पहले की भर्ती प्रक्रियाओं की पूरी तरह से जांच करें। यदि किसी भी तरह की अनियमितता पाई जाती है, तो उसकी रिपोर्ट तुरंत दर्ज की जाएगी।
फरार आरोपियों की तलाश जारी
इस मामले में फरार आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस ने कहा है कि वह जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करने की कार्रवाई पूरी करेगी। साथ ही, जांच में शामिल अधिकारियों ने यह भी बताया कि इस घोटाले में शामिल लोगों ने नकली दस्तावेजों और रिश्वत के जरिए भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया है। राज्य सरकार ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच को तेज कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।