हाईलाइट
- अमित शाह नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि पर 27 फरवरी को चित्रकूट पहुंचे
- दीन दयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ परिसर में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए
- इस अवसर पर उन्हें नानाजी के योगदान को याद किया। साथ ही पंडितदीन दयाल उपध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया
Amit Shah Chitrakoot Visit: केंद्रीय मंत्री अमित शाह 27 फरवरी को चित्रकूट पहुंचे जंहा उन्होंने भारत रत्न नानाजी देशमुख की 15वीं पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को सम्बोधित किया। इस अवसर पर उन्होंने नानाजी के जीवन और विचारधारा और समाज के प्रति उनके समर्पण का उल्लेख करते हुए कहा कि नानाजी देशमुख ने राजनीति को छोड़कर ग्रामोत्थान और अंत्योदय को अपना जीवन मिशन बनाया। दीन दयाल शोध संस्थान के उद्यमिता विद्यापीठ परिसर में आयोजित कार्यक्रम उन्होंने सभा को सम्बोधित किया
नाना जी देशमुख ने राजनीतिक सिद्धांत स्थापित किया
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए अमित शाह ने कहा नानाजी देश मुख ने अपने व्यवहार अपनी कर्मठतता से राजनीति में कई सिद्धांत स्थापित किये जो कई सदियों तक राजनीतिज्ञों के लिए आदर्श सिद्धांत बने रहेंगे..
नानाजी के विचार और समर्पण को किया याद
अमित शाह ने अपने भाषण में कहा, “नानाजी का संपूर्ण जीवन समाज के सबसे निचले तबके के उत्थान के लिए समर्पित रहा।” उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि नानाजी ने हमेशा समाज की भलाई के लिए कार्य किया और राजनीतिक स्वीकृति प्राप्त करने के बावजूद सत्ता का मोह त्याग दिया।
शाह ने कहा, “राजनीति में रहते हुए सबकी सहमति प्राप्त करना कठिन होता है, लेकिन नानाजी ने यह कर दिखाया। इतने लंबे सार्वजनिक जीवन में किसी ने भी उनका विरोध करने का साहस नहीं किया।”
पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का किया अनावरण
श्रद्धांजलि सभा से पहले अमित शाह और प्रसिद्ध कथावाचक मोरारी बापू ने नवीन राम दर्शन और पंडित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का रिमोट के माध्यम से अनावरण किया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव सहित भाजपा के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री उपस्थित रहे।
भारतीय राजनीति के दो महान विचारक
शाह ने अपने संबोधन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी देशमुख के योगदान याद करते हुए कहा, भारतीय राजनीति ने एक ही कालखंड में दो महापुरुषों को जन्म दिया – नानाजी देशमुख और पंडित दीनदयाल उपाध्याय।” उन्होंने यह भी बताया कि जब देश स्वतंत्र हुआ और नई नीतियां बन रही थीं, तब इन दोनों विचारकों ने एकात्म मानववाद और अंत्योदय के सिद्धांतों को प्रस्तुत किया, जो आज भी भारत की विकास यात्रा को दिशा प्रदान कर रहे हैं।
गांवों के विकास को बनाया जीवन का लक्ष्य
अमित शाह ने नानाजी देशमुख के उस निर्णय की सराहना की, जिसमें उन्होंने 60 वर्ष की आयु में राजनीति को त्यागकर चित्रकूट को अपने कार्यक्षेत्र के रूप में चुना। उन्होंने गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय कार्य किए, जिससे अंत्योदय का सपना साकार हुआ।
शाह ने कहा, “कुछ लोगों के जीवन ऐसे होते हैं, जो युगों तक अपना असर छोड़ते हैं। नानाजी देशमुख उन्हीं महापुरुषों में से एक हैं, जिन्होंने अपने विचारों और कार्यों से समाज में अमिट छाप छोड़ी।”
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संघ और भाजपा के लिए प्रेरणास्त्रोत
अमित शाह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के लिए नानाजी देशमुख को एक प्रेरणास्त्रोत बताया। उन्होंने कहा कि नानाजी का जीवन और दर्शन संघ की विचारधारा का एक सशक्त उदाहरण है।
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