हाइलाइट्स
- पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने को लेकर रोक
- सुप्रीम कोर्ट में सरकार से पूछा- कचरा जलाने से कोई नुकसान तो नहीं होगा
- इंदौर कमिश्नर ने भी 27 फरवरी को कचरा नहीं जलाने की पुष्टि की
Union Carbide Garbage case: फिलहाल, 27 फरवरी को पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) का कचरा नहीं जलाया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार, 25 फरवरी को हुई सुनवाई के दौरान मप्र सरकार से कहा कि जब तक याचिका में जताई गई आशंकाएं सही नहीं पाई जातीं, हम हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
इसके बाद इंदौर कमिश्नर ने भी सुप्रीक कोर्ट का हवाला देते हुए 27 फरवरी को कचरा नहीं जलाने की पुष्टि की है।
कचरा निपटान की आशंकाओं में कोई दम है ?
सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि, क्या पीथमपुर में भोपाल गैस त्रासदी स्थल से रासायनिक कचरे के निपटान के संबंध में याचिका में जताई गई आशंकाओं में कोई दम है, और क्या अधिकारियों ने आसपास के नागरिकों के लिए खतरे की आशंकाओं को दूर करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जस्टिस बीआर गवई और एजी मसीह की पीठ सुनवाई कर रही है। याचिका कर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि 17 फरवरी को नोटिस जारी करने के बाद, एमपी हाईकोर्ट ने 18 फरवरी को 27 फरवरी से 10 मीट्रिक टन कचरा ट्रायल तौर पर जलाने का आदेश दिया था। इस मामले में 27 फरवरी को ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई कर अंतरिम आदेश पारित किया जाए।
कमिश्नर बोले – 27 फरवरी को नहीं जलाएंगे यूका का कचरा
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद इंदौर कमिश्नर दीपक सिंह ने बताया कि कोर्ट में केस विचाराधीन है, अभी कचरा जलाने के लिए कोई आदेश नहीं आया है। इसलिए हम उस दिन (27 फरवरी को) कचरा नहीं जलाएंगे।
सोमवार को टल गई थी सुनवाई
इससे पहले, सोमवार को राज्य सरकार को सुप्रीम कोर्ट में यह बताना था कि यदि पीथमपुर में यूनियन कार्बाइड का कचरा जलाने के दौरान कोई घटना होती है तो उसके पास क्या इंतजाम हैं और उसने इसके लिए क्या तैयारी की है। हालांकि, जस्टिस के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई स्थगित कर दी गई। इसके बाद, याचिकाकर्ता ने तुरंत ही शीघ्र सुनवाई के लिए आवेदन दिया था।
17 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने सरकार से इस संबंध में विस्तृत जवाब मांगा था। याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्र ने बताया कि सोमवार को सरकार को अपना जवाब पेश करना था, लेकिन जस्टिस बी.आर. गवई के अवकाश पर होने के कारण सुनवाई टल गई। हमने तत्काल ही शीघ्र सुनवाई का आवेदन प्रस्तुत कर दिया था।
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जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस आगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के 3 दिसंबर 2024 और 6 जनवरी 2025 के आदेशों को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी। याचिकाकर्ता चिन्मय मिश्र ने एडवोकेट सर्वम ऋतम खरे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि वह पीथमपुर में 337 टन खतरनाक रासायनिक कचरे के निस्तारण को लेकर चिंतित हैं।्र
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