Bhanvi singh Case: दिल्ली की विशेष अदालत ने उत्तर प्रदेश के विधान परिषद सदस्य अक्षय प्रताप सिंह और अन्य के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग वाली भानवी सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। रानी भानवी सिंह ने एमएलसी गोपाल और अन्य के खिलाफ दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज मामले की अदालती निगरानी में जांच की मांग की थी।
प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप
जानकारी के मुताबिक, भानवी सिंह प्रतापगढ़ के कुंडा से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की पत्नी हैं, जबकि अध्यक्ष प्रताप सिंह उनके रिश्तेदार और करीबी हैं। भावनी सिंह ने अक्षय प्रताप सिंह और अन्य पर धोखाधड़ी और जालसाजी का मामला दर्ज कराया है। रानी भानवी सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ एक साजिश के तहत झूठे आर्थिक अपराध के मामले दर्ज किए गए हैं।
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निचली अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था
उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने के लिए अदालती निगरानी में जांच की मांग की थी। हालांकि, निचली अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने एएसजे की अदालत में अपील की। एएसजे ने भी याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में अदालती निगरानी में जांच की कोई आवश्यकता नहीं है। अदालत ने कहा कि आर्थिक अपराध शाखा पहले से ही मामले की जांच कर रही है और यदि याचिकाकर्ता को किसी प्रकार की आपत्ति है, तो वे जांच एजेंसी के माध्यम से अपनी बात रख सकते हैं।
राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते झूठे मामले
इस मामले में रानी भानवी सिंह ने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के चलते झूठे मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा था कि यह मामला उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने और उन्हें प्रताड़ित करने के उद्देश्य से दर्ज किया गया है। इस फैसले के बाद रानी भानवी सिंह की ओर से कानूनी कार्रवाई जारी रखने की बात कही जा रही है। उनकी टीम ने कहा कि वे उच्च न्यायालय में इस मामले को ले जाएंगे और न्याय पाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग करके विपक्षी नेताओं को प्रताड़ित किया जा रहा है, जबकि सरकार ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है।