Devendra Yadav: बलौदाबाजार हिंसा मामले में छह महीने से जेल में बंद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद रिहा कर दिया गया। आज दस्तावेजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उनकी जेल से रिहाई हुई। सेंट्रल जेल के बाहर उनके समर्थकों में भारी उत्साह देखा गया।
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देवेंद्र यादव का भाजपा पर आरोप
जेल से बाहर आने के बाद पत्रकारों से बातचीत में देवेंद्र यादव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि सतनामी समाज के निर्दोष लोगों पर अत्याचार किया गया, जो सभी जानते हैं। उन्होंने आगे कहा कि वे सच की लड़ाई जारी रखेंगे।
112 सतनामी युवाओं को हाईकोर्ट से जमानत
बलौदाबाजार हिंसा मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने सतनामी समाज के 112 युवाओं को बड़ी राहत दी। जस्टिस एन.के. व्यास की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए सभी आरोपियों को जमानत दे दी। इससे पहले 60 से अधिक आरोपी पहले ही जमानत पर रिहा हो चुके थे, लेकिन अब भी कई आरोपी जेल में बंद हैं।
कैसे भड़की थी बलौदाबाजार हिंसा?
15-16 मई 2024 की रात गिरौधपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल जैतखाम में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा तोड़फोड़ की गई। इस मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन समाज के लोग पुलिस कार्रवाई से असंतुष्ट थे और न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे।
इस पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने न्यायिक जांच की घोषणा की। बावजूद इसके, 10 जून को सतनामी समाज के हजारों लोग कलेक्ट्रेट के पास एकत्र हुए और विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और प्रदर्शनकारियों ने कलेक्टर व एसपी कार्यालय में आग लगा दी।
12.53 करोड़ रुपये की सरकारी संपत्ति को नुकसान
इस हिंसा में सरकारी संपत्ति को करीब 12.53 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए 43 मामलों में 187 लोगों को गिरफ्तार किया था। अब हाईकोर्ट से 112 युवाओं को राहत मिली है, जबकि कई अभी भी जेल में बंद हैं।
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