MP Lokayukta Police Action: जबलपुर के तिलसानी शाखा में एमपी वेयर हाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉर्पोरेशन के शाखा प्रबंधक प्रदीप पटले और कंप्यूटर ऑपरेटर शैलेष बिसेन को लोकायुक्त पुलिस ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है।
यह मामला तब सामने आया जब वेयरहाउस संचालक गुरुनानक भसीन ने शिकायत की कि उनके वेयरहाउस में 100 क्विंटल गेहूं की कमी पाई गई। इस मामले को दबाने के लिए शाखा प्रबंधक ने 92 हजार रुपए की रिश्वत मांगी थी।
लोकायुक्त ने बिछाया जाल
गुरुनानक भसीन ने लोकायुक्त को इस रिश्वतखोरी की शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस ने जांच शुरू की और 19 फरवरी 2025 को एक ट्रैप बिछाया। जैसे ही शाखा प्रबंधक और कंप्यूटर ऑपरेटर ने रिश्वत की पहली किश्त 50 हजार रुपए ली, लोकायुक्त टीम ने उन्हें मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया।
भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज
लोकायुक्त पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधन 2018) की धारा 7, 12, 13 (1) बी और 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया है। इन धाराओं में रिश्वत लेने, रिश्वत की साजिश रचने और आपराधिक कदाचार के आरोप शामिल हैं।
लोकायुक्त की टीम ने दिखाई मुस्तैदी
इस ऑपरेशन को लोकायुक्त जबलपुर की विशेष टीम ने अंजाम दिया। टीम का नेतृत्व उप पुलिस अधीक्षक दिलीप झरवड़े ने किया, जबकि इंस्पेक्टर नरेश बेहरा, इंस्पेक्टर कमल सिंह उईके और निरीक्षक जितेंद्र यादव ने उनकी सहायता की। यह कार्रवाई बेहद गोपनीय तरीके से की गई, ताकि आरोपियों को कोई संदेह न हो।
डीजी लोकायुक्त का कड़ा संदेश
डीजी लोकायुक्त जयदीप प्रसाद ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई रियायत नहीं दी जाएगी। उन्होंने आम नागरिकों से भी अपील की कि अगर उन्हें किसी सरकारी विभाग में भ्रष्टाचार की जानकारी मिले, तो वे लोकायुक्त पुलिस से संपर्क करें।
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आगे की जांच जारी
लोकायुक्त पुलिस अब इस मामले में अन्य पहलुओं पर भी जांच कर रही है। यह देखा जा रहा है कि 100 क्विंटल गेहूं की कमी कैसे हुई और इस मामले में अन्य कौन-कौन से अधिकारी या कर्मचारी शामिल हो सकते हैं। संभावना है कि आने वाले दिनों में इस घोटाले से जुड़े और भी बड़े नाम सामने आ सकते हैं।