रिपोर्ट- प्रशांत शर्मा, मुरैना
Morena Fraud News: मुरैना के कैलारस नगर पालिका परिषद में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी का मामला सामने आया है, जहां नगर पालिका अध्यक्ष अंजना बंसल के पति बृजेश बंसल पर बेरोजगार युवाओं को झांसा देकर बड़ी रकम वसूलने का आरोप लगा है।
नगर पालिका में नौकरी के लिए रूपये की मांग
पीड़ित नरोत्तम धाकड़ का आरोप है कि बृजेश बंसल ने उसके बेटे की नगर पालिका में नौकरी लगवाने के एवज में 8 लाख रु की मांग की। नौकरी की आस में नरोत्तम धाकड़ ने अपनी जमीन बेचकर यह रकम दी, जिसके बाद उसके बेटे की नियुक्ति हो गई और कुछ महीनों तक वेतन भी उनके खातों में आता रहा।
लेकिन पांच महीने बाद नगर पालिका सीएमओ ने उनकी नियुक्ति फर्जी बताते हुए उन्हें हटा दिया। जब नरोत्तम धाकड़ ने बृजेश बंसल से अपने पैसे वापस मांगे तो उन्हें बार-बार टाल दिया गया।
जनसुनवाई में शिकायत, अगले ही दिन झूठा मुकदमा दर्ज
ठगी (Morena Fraud News) का शिकार हुए नरोत्तम धाकड़ ने 11 फरवरी को जनसुनवाई में अपनी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अगले ही दिन अध्यक्ष पति बृजेश बंसल ने उनके खिलाफ थाने में मामला दर्ज करवा दिया। उन पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया गया, जिससे पीड़ित परिवार और अधिक परेशान हो गया।
प्रशासन से मदद की गुहार
पीड़ित नरोत्तम धाकड़ ने कहा, मैंने अपने बेटे की बेरोजगारी दूर करने के लिए अपनी जमीन बेच दी और 8 लाख रु दिए, लेकिन अब न नौकरी मिली और न ही पैसे वापस हो रहे हैं। उल्टा मेरे खिलाफ ही झूठा मुकदमा दर्ज करा दिया गया। अब खाने तक के लाले पड़ गए हैं। प्रशासन हमारी सुनवाई करे और मुख्यमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप कर ऐसे भ्रष्ट नगर पालिका अध्यक्ष को हटाकर हमें न्याय दिलाएं।
सारे आरोप बेबुनियाद
तो वही इस पूरे मामले पर नगर पालिका अध्यक्ष अंजना बंसल के पति बृजेश बंसल का कहना है कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं, मैं किसी से कोई रुपए नहीं लिए हैं इन लोगों ने पता नहीं कैसे नगर पालिका में अपनी नौकरी लगवा ली जब नौकरियां फर्जी थी तो उनको हटा दिया गया। जिस कारण, मुझ पर दबाव बनाया और नौकरी पर रखने को कहा। लेकिन, मैंने मना कर दिया तो यह मुझ पर आरोप लगाकर मेरी छवि धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल
नगर पालिका में इस तरह की ठगी और फिर पीड़ितों को ही झूठे मुकदमों में फंसाने की घटना से प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जनप्रतिनिधियों द्वारा जनता के साथ की जा रही धोखाधड़ी पर क्या कोई ठोस कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी दबा दिया जाएगा? यह देखना बाकी है।
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