MP High Court, UPSC Exam 2025: UPSC सिविल सेवा परीक्षा (CSE)-2025 और मध्य प्रदेश शिक्षक चयन परीक्षा 2024 से जुड़े मामलों में जबलपुर हाईकोर्ट के ऐतिहासिक फैसलों से EWS (आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग) के अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। अब उन्हें अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 साल की आयु सीमा छूट और 9 अटेम्प्ट का लाभ मिलेगा।
कपिल सिब्बल ने EWS अभ्यर्थियों को दिलाई राहत
UPSC CSE-2025 में आवेदन की योग्यता और आयु सीमा को लेकर दायर याचिका में, सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) के माध्यम से हाईकोर्ट के समक्ष पैरवी की और 10 फरवरी 2025 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें अधिवक्ता धीरज तिवारी द्वारा की गई प्रभावी पैरवी का ज़िक्र था।
इससे पहले इस परीक्षा में मिली थी राहत
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने शिक्षक चयन परीक्षा 2024 को लेकर बड़ा फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोजगार में समान अवसर) के आधार पर आदेश दिया कि EWS उम्मीदवारों को भी 5 साल की आयु छूट मिलेगी। इस फैसले से अब 45 वर्ष तक के उम्मीदवार शिक्षक चयन परीक्षा में शामिल हो सकेंगे यह फैसला दिया था।
हाईकोर्ट का निर्देश
हाईकोर्ट ने UPSC को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता सहित समान स्थिति वाले सभी उम्मीदवारों के आवेदन स्वीकार किए जाएं, भले ही वे मौजूदा योग्यता या उम्र की शर्तों को पूरा न कर रहे हों। खासतौर पर EWS अभ्यर्थियों को वही आयु लाभ मिलेगा जो अन्य आरक्षित वर्गों को प्राप्त है।
इसके अलावा, अब EWS उम्मीदवारों को UPSC परीक्षा में 9 अटेम्प्ट का अवसर मिलेगा, जो पहले केवल आरक्षित वर्ग के लिए उपलब्ध था। हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि अंतिम नियुक्ति आदेश बिना उसकी अनुमति के जारी नहीं किए जाएंगे।
फैसलों का असर: हजारों EWS उम्मीदवारों को मिलेगा लाभ
इन दोनों मामलों में हाईकोर्ट के फैसले के बाद:
- अब EWS उम्मीदवारों को 6 की बजाय 9 अटेम्प्ट का अवसर मिलेगा।
- UPSC CSE-2025 में EWS उम्मीदवारों को अन्य आरक्षित वर्गों के समान 5 साल की आयु छूट मिलेगी।
- 45 वर्ष तक के EWS उम्मीदवार शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल हो सकेंगे।
- हजारों उम्मीदवार जो पहले उम्र की सीमा और अटेम्प्ट लिमिट के कारण वंचित थे, वे अब आवेदन कर पाएंगे।
समानता के अधिकार की दिशा में ऐतिहासिक फैसला
इन फैसलों से शिक्षा और प्रशासनिक सेवाओं में EWS उम्मीदवारों को बराबरी का अवसर मिलेगा। हाईकोर्ट के इस आदेश को संविधान द्वारा प्रदत्त समानता के अधिकार को लागू करने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय माना जा रहा है। इन फैसलों का दूरगामी प्रभाव पड़ेगा और सरकारी भर्तियों में EWS वर्ग की भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
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