MP Shikhar Samman 2025: मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा “राज्य शिखर सम्मान” समारोह गुरुवार, 13 फरवरी को भारत भवन, भोपाल में आयोजित किया गया। जिसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने डॉ. उर्मिला शिरीष और महमूद अहमद सहर समेत 15 हस्तियों को सम्मानित किया।
इस समारोह में नौ विधाओं में 15 प्रतिष्ठित विभूतियों को सम्मानित किया गया। यह सम्मान कला, संस्कृति एवं साहित्य के क्षेत्र में प्रदान किया जाता है। इस सम्मान के अंतर्गत सम्मानित व्यक्तियों को सम्मान पट्टिका और दो लाख रुपए की सम्मान राशि प्रदान की गई। यह समारोह प्रदेश की कला, संस्कृति और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रतिभाशाली व्यक्तियों को प्रोत्साहन देने के लिए किया जाता है।
इनका हुआ सम्मान
- हिंदी साहित्य: 2022 का सम्मान डॉ. उर्मिला शिरीष (भोपाल)।
- उर्दू साहित्य: 2023 का सम्मान महमूद अहमद सहर (उज्जैन)।
- संस्कृत साहित्य: 2022 का सम्मान डॉ. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी (इंदौर) और 2023 का सम्मान डॉ. गोविंद दत्तात्रेय गंधे (उज्जैन)।
- शास्त्रीय संगीत: 2022 का सम्मान विदुषी कल्पना झोकरकर (इंदौर) और 2023 का सम्मान विदुषी शाश्वती मंडल (दिल्ली)।
- शास्त्रीय नृत्य: 2022 का सम्मान मोहिनी मोघे (जबलपुर) और 2023 का सम्मान विदुषी भारती होमबल (भोपाल)।
- रूपंकर कलाएं: 2022 का सम्मान ईश्वरी रावल (इंदौर) और 2023 का सम्मान हरि भटनागर (बड़ौदा)।
- नाटक: 2022 का सम्मान राग जोग (इंदौर) और 2023 का सम्मान सतीश दवे (उज्जैन)।
- दुर्लभ वाद्य वादन: 2023 का सम्मान पं. सुनील पावगी (ग्वालियर)।
- जनजातीय एवं लोक कलाएं: 2022 का सम्मान रामसिंह उर्वेती (पाटनगढ़) और 2023 का सम्मान कैलाश सिसोदिया (धार)।
सीएम ने कहा- रंगमंडल फिर से होगा शुरू
सीएम मोहन यादव ने राज्य शिखर सम्मान से सम्मानित सभी कला विभूतियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर को आगे बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। कलाकार हमारे समाज की आत्मा हैं और उनका सम्मान हमारी प्राथमिकता है। कला के सम्मान से हम स्वयं सम्मानित होते हैं। मुख्यमंत्री ने भारत भवन के 43वें स्थापना दिवस को खास बनाते हुए यहां रंगमण्डल को फिर से प्रारंभ करने की घोषणा की।
रंगमंच प्रमियों- कलाकारों में खुशी
मुख्यमंत्री ने कहा कि रंगमण्डल की वापसी सिर्फ रंगमंच ही नहीं, बल्कि पूरे कला जगत के लिए एक नया आनंद लेकर आएगी। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का सभी रंगमंच प्रेमियों और कलाकारों ने पुलकित होकर स्वागत किया क्योंकि रंगमण्डल की वापसी इनके लिए किसी उत्सव से कम नहीं है।
भारत भवन का रंगमण्डल वर्षों से प्रदेश के रंगकर्मियों और नाटक प्रेमियों के लिए एक प्रमुख मंच था, अब फिर से जीवंत होने जा रहा है। इसकी वापसी से युवा रंगकर्मियों को नए अवसर मिलेंगे और थिएटर को भी एक नई ऊर्जा मिलेगी। रंगमण्डल की पुनर्स्थापना से प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और भी समृद्ध होगी।
‘भारत भवन कला आस्था को केंद्र’
संस्कृति, पर्यटन, धार्मिक न्यास और धर्मस्व राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र सिंह लोधी ने कहा कि भारत भवन हमारी कला आस्था का केन्द्र रहा है। इस भवन के जरिए कला और संस्कृति के पुनर्जागरण के साथ मध्यप्रदेश ना केवल अपनी जड़ों को संजो रहा है, बल्कि भावी नई कला पीढ़ी को भी सशक्त बना रहा है। उन्होंने सभी सम्मानित विभूतियों का अभिनंदन किया।
‘भारत भवन कला विधाओं का संगम’
भारत भवन के न्यासी अध्यक्ष वामन केंद्रे ने कहा, भारत भवन सभी कला विधाओं का संगम है। सदियों से विभिन्न कला एवं सांस्कृतिक गतिविधियों का संचालन यहां से होता रहा है। भोपाल को देश के प्रमुख सांस्कृतिक केन्द्र का दर्जा दिलाने में भारत भवन की भूमिका निरापद रूप से सराहनीय रही है।
‘कला विभूतियों के सम्मान से हम गौरवान्वित’
प्रमुख सचिव संस्कृति एवं पर्यटन और भारत भवन के न्यासी सचिव शिवशेखर शुक्ला ने भारत भवन की 43 साल से चल रही कला साधना यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा कि दिलों में कला और इसके प्रति प्रेम का संचार करने वाले कला विभूतियों का सम्मान कर हम स्वयं गौरवान्वित हैं। भारत भवन समेकित रूप से कलाओं का उत्कृष्ट केन्द्र है। कलाओं के संवर्धन और कलाकारों के प्रोत्साहन के क्षेत्र में यह देश का एक अनूठा और अनुपम कला केन्द्र है।
कला प्रदर्शनी…
संचालक संस्कृति एन.पी. नामदेव ने राज्य शिखर सम्मान से सम्मानित होने वाले सभी कला मनीषियों के प्रशस्ति वाचन किए। इस मौके पर भारत भवन के सभी न्यासी सहित बड़ी संख्या में कलाप्रेमी, रंगकर्मी और प्रबुद्धजन उपस्थित थे। अंत में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भारत भवन परिसर में आयोजित कला प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
सम्मान समारोह की तस्वीरें…
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