Bhopal Saurabh Sharma DA Case: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियों चेतन सिंह गौर व शरद जायसवाल को 17 फरवरी तक की रिमांड पर ले लिया है। अदालत ने मंगलवार को तीनों आरोपियों को ईडी के हवाले करने का आदेश दिया। ईडी ने कोर्ट से 7 दिन की रिमांड मांगी थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया।
ED ने कोर्ट में क्यों मांगी रिमांड?
ईडी अधिकारियों ने सोमवार को अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि आरोपी इस समय केंद्रीय जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, और उनसे विस्तृत पूछताछ की जरूरत है। ईडी के अनुसार, आरोपियों से पूछताछ के दौरान कई अहम सवालों के जवाब नहीं मिल पाए हैं।
4 फरवरी को लोकायुक्त मामलों की अदालत में न्यायाधीश आरपी मिश्रा ने सौरभ शर्मा, शरद जायसवाल और चेतन सिंह गौर को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। इसके बाद, 5 से 7 फरवरी तक ईडी ने इन तीनों से जेल पुलिस की मौजूदगी में अलग-अलग और आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की थी।
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ED ने सोशल मीडिया पर दी गिरफ्तारी की जानकारी
ईडी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर पोस्ट कर इस गिरफ्तारी की आधिकारिक जानकारी दी। एजेंसी ने बताया कि सौरभ शर्मा, चेतन सिंह गौर और शरद जायसवाल को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) के तहत गिरफ्तार किया गया है।
करोड़ों की संपत्ति पर जांच जारी
ईडी ने इन तीनों से 52 किलो सोना, 11 करोड़ रुपए नकद और अन्य करोड़ों रुपए की संपत्ति से जुड़े मामले में पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की थी। आरोपियों को कोर्ट में पेश किए जाने के दौरान सौरभ शर्मा की मां उमा शर्मा, उनके वकील राकेश पाराशर और शरद जायसवाल की भांजी भी मौजूद थीं। लंच के बाद विशेष न्यायाधीश ईडी संतोष कुमार कोल की अदालत ने आदेश जारी किया और तीनों आरोपियों को ईडी की हिरासत में भेज दिया।
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