MP Teacher Exam Age Limit: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने माध्यमिक एवं प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 के संबंध में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अब आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के अभ्यर्थियों को भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह 5 वर्ष की आयु सीमा छूट मिलेगी। इस फैसले के बाद 45 वर्ष तक के EWS अभ्यर्थी भी शिक्षक चयन परीक्षा में शामिल हो सकेंगे, जिससे हजारों उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा।
शिक्षक चयन परीक्षा की रूल बुक की कंडिका 7.1 और 7.2 में EWS को आरक्षित वर्ग माना गया था। हालांकि, कंडिका 6.2 में, जहां अन्य आरक्षित वर्गों (एससी/एसटी/ओबीसी) को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी गई थी। वहीं ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को इस छूट से बाहर रखा गया था। इस असमानता के खिलाफ याचिकाकर्ता पुष्पेंद्र द्विवेदी (रीवा निवासी) ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता धीरज तिवारी और ईशान सोनी ने कोर्ट में तर्क दिया कि यदि EWS को आरक्षित वर्ग माना गया है, तो उन्हें भी अन्य आरक्षित वर्गों की तरह आयु सीमा में छूट मिलनी चाहिए।
संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन
याचिकाकर्ता ने यह भी दलील दी कि EWS को आयु सीमा में छूट न देना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार) और अनुच्छेद 16 (सार्वजनिक रोजगार में अवसर की समानता) का उल्लंघन है।
अनुच्छेद 14: यह अनुच्छेद सभी नागरिकों को कानून के समक्ष समानता और बिना भेदभाव के समान संरक्षण की गारंटी देता है। यदि एक ही तरह की स्थिति वाले अभ्यर्थियों के साथ भेदभाव किया जाता है, तो यह अनुच्छेद 14 का उल्लंघन होगा।
अनुच्छेद 16: यह अनुच्छेद सरकारी नौकरियों में सभी नागरिकों को समान अवसर प्रदान करने की गारंटी देता है। जब EWS को आरक्षित वर्ग माना गया, लेकिन उन्हें अन्य आरक्षित वर्गों जैसी सुविधाएं नहीं दी गईं, तो यह अनुच्छेद 16 का उल्लंघन था।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इन तर्कों को स्वीकारते हुए कहा कि यदि EWS को आरक्षित वर्ग में रखा गया है, तो उन्हें भी समान अवसर मिलना चाहिए। कोर्ट ने EWS अभ्यर्थियों को 5 वर्ष की आयु सीमा छूट देने का आदेश दिया।
क्या बदलाव होगा फैसले के बाद?
- अब 45 वर्ष तक के ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थी माध्यमिक और प्राथमिक शिक्षक चयन परीक्षा 2024 में आवेदन कर सकेंगे।
- 11 फरवरी 2025 को आवेदन की अंतिम तिथि होने के कारण, वे अभ्यर्थी भी फॉर्म भर सकेंगे, जो पहले अधिक उम्र के कारण वंचित रह गए थे।
- यह निर्णय शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
EWS अभ्यर्थियों को मिली राहत
हाईकोर्ट के इस फैसले से हजारों ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों को लाभ मिलेगा। अब वे शिक्षक बनने की प्रक्रिया में समान भागीदारी निभा सकेंगे। यह निर्णय संविधान द्वारा प्रदत्त समानता के अधिकार को लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में निष्पक्षता और अवसर की समानता को बढ़ावा मिलेगा।