Mahakumbh Dharma Sansad: महाकुंभ मेले में आयोजित परमधर्म संसद में एक बड़ा फैसला लिया गया है। जगद्गुरु स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की अध्यक्षता में आयोजित इस संसद में रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इस प्रस्ताव को लेकर जमकर चर्चा हो रही है।
मनुस्मृति में लिखी होगी रेप करने की बात- राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक बयान को लेकर धर्म संसद में तीव्र प्रतिक्रिया सामने आई है। राहुल गांधी ने हाल ही में लोकसभा में हाथरस गैंगरेप की घटना पर बोलते हुए मनुस्मृति को लेकर आलोचनात्मक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि “संविधान में नहीं लिखा कि बलात्कार करने वाले बाहर घूमें और पीड़िता घर में बंद रहे,” और यह भी जोड़ा कि “यह बात आपकी किताब, मनुस्मृति में लिखी होगी, लेकिन संविधान में ऐसा नहीं है।
इस बयान पर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा कि राहुल गांधी का बयान मनुस्मृति का अपमान करने वाला था। उन्होंने यह भी कहा कि इससे मनुस्मृति को मानने वाले करोड़ों हिंदू भक्तों की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंची है।
हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ का अपमान करने जैसा है-अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती
इसके बाद धर्म संसद में इस बयान की निंदा करते हुए विकास पाटनी ने एक प्रस्ताव पेश किया। शंकराचार्य ने कहा, “राहुल गांधी का यह बयान हिंदू धर्म के पवित्र ग्रंथ का अपमान करने जैसा है। परमधर्मसंसद इस बयान की कड़ी निंदा करती है और राहुल गांधी से अपने शब्दों पर स्पष्टीकरण या माफी की मांग करती है।
अगले एक महीने के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट करें-स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने आगे कहा कि अगर राहुल गांधी अगले एक महीने के भीतर अपना पक्ष स्पष्ट नहीं करते या माफी नहीं मांगते, तो उन्हें हिंदू धर्म से बहिष्कृत करने की घोषणा की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि यह समय हिंदू धर्म और उसकी आस्थाओं का अपमान सहन करने का नहीं है, और इस पर कड़ा कदम उठाया जाएगा। यह मामला अब एक राजनीतिक और धार्मिक विवाद का रूप ले चुका है, और दोनों पक्षों के लिए यह एक गंभीर मुद्दा बन गया है। राहुल गांधी की प्रतिक्रिया और इस पूरे घटनाक्रम का आगे क्या परिणाम होगा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा।