अगर जान गए TDS और TCS में अंतर, तो होंगे कई फायदे!
टैक्स डिडक्शन ऐट सोर्स (Tax deduction at source- TDS) और टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स (Tax collection at source- TCS) टैक्स वसूल करने के दो तरीके हैं।
TDS का मतलब स्रोत पर कटौती है। TCS का मतलब स्रोत पर टैक्स कलेक्शन से है।
हालांकि दोनों ही मामलों में रिटर्न फाइल करने की जरूरत होती है।
अगर किसी की कोई आय होती है तो उस आय से टैक्स काटकर अगर व्यक्ति को बाकी रकम दी जाए तो टैक्स के रूप में काटी गई रकम को TDS कहते हैं।
सरकार TDS के जरिए टैक्स जुटाती है। यह अलग-अलग तरह के आय स्रोतों पर काटा जाता है जैसे सैलरी, किसी निवेश पर मिले ब्याज या कमीशन आदि पर।
TCS टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स होता है। इसका मतलब स्रोत पर एकत्रित टैक्स (इनकम से इकट्ठा किया गया टैक्स) होता है।
यह टैक्स कुछ खास प्रकार की वस्तुओं के सौदे पर लगता है, जैसे शराब, तेंदू पत्ता, इमारती लकड़ी, स्क्रैप, मिनरल्स वगैरह।