Bhopal Bulldozer Action: मध्यप्रदेश के भोपाल की मोतीनगर बस्ती में शुक्रवार को प्रशासन की जेसीबी चलने से पहले ही लोग अपने मकान और दुकानें हटा रहे हैं। प्रशासन ने शुक्रवार तक बस्ती खाली करने का अल्टीमेटम दिया है। यहां सुभाषनगर ब्रिज की थर्ड लेन बनाना है, इसलिए मोतीनगर बस्ती खाली कराई जा रही है। इस बस्ती में कुल 384 मकान और 110 पक्की दुकानें थीं, जिन्हें हटाया जा रहा है। गुरुवार, 6 फरवरी को पुलिस ने बस्तीवालों को अनाउंसमेंट करके स्वेच्छा से सामान हटाने की समझाइश थी।
प्रशासनिक अफसर लगातार कर रहे मुआयना
डीसीपी जोन-1 प्रियंका शुक्ला ने पुलिस अफसरों के साथ गुरुवार को मुआयना भी किया था। वहीं, एडीएम प्रकाश नायक और एमपी नगर एसडीएम एलके खरे ने निरीक्षण किया था। अफसरों की समझाइश के बाद कई दुकानदारों ने सामान हटाना भी शुरू कर दिया, लेकिन कई अभी भी अड़े हैं। ऐसे में शुक्रवार को प्रशासन इन्हें नगर निगम के अमले की मदद से हटाने की कार्रवाई करेगा।
इसलिए अटकी रही दो दिन कार्रवाई
बता दें कि 4 फरवरी तक बस्ती खाली करने का समय था, लेकिन पुलिस फोर्स नहीं मिलने की वजह से कार्रवाई नहीं हो सकी। दो दिन तक कार्रवाई अटकी रही।
बस्ती में कुल 384 मकान
मोतीनगर बस्ती में कुल 384 मकान हैं। यहां 110 पक्की दुकानें भी हैं। इन दुकानों को हटाने से कार्रवाई की शुरुआत होगी। नगर निगम, पुलिस और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से कार्रवाई करेंगे।
दुल्हन को लेकर कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे कांग्रेसी
मोतीनगर बस्ती को हटाने का विरोध भी किया जा रहा है। तीन दिन पहले कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला एक दुल्हन को लेकर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के पास पहुंच गए थे। शुक्ला ने कहा था, जिला प्रशासन की कार्रवाई के पहले मोतीनगर से कई मानवीय पहलू सामने आ रहे हैं।
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यदि प्रशासन मौजूद सैकड़ों परिवारों को मोहलत नहीं देता है तो उनके सामने आर्थिक संकट के अलावा नैतिक संकट भी खड़े हो रहे हैं। किसी के घर में बेटी के हाथ पीले होने हैं तो कहीं बेटे की शादी की तैयारी हो रही है। इस स्थिति में भी कार्रवाई होती है तो कई शादियां भी टालनी होगी। दूसरी ओर, बच्चों की परीक्षाएं भी हैं। हालांकि, कांग्रेस नेता द्वारा बताई गई बच्चों की संख्या को लेकर प्रशासन ने भी सर्वे किया है।
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