US India Donkey Route: अमेरिका से अवैध भारतीय प्रवासियों को लेकर एक विशेष सैन्य विमान आज दोपहर अमृतसर के श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचने वाला है। बताया जा रहा है, इस विमान में 104 अवैध प्रवासी भारतीय हैं, जिनमें 13 बच्चे, 72 पुरुष और 19 महिलाएं हैं। इन प्रवासियों को अमेरिका-मेक्सिको सीमा से पकड़ा गया था और अब इन्हें वापस भारत भेजा जा रहा है।
कैसे पहुंचे थे अमेरिका?
अमेरिकी सैन्य विमान C-147 से अवैध प्रवासी भारतीयों का पहला जत्था भारत आने वाला है। रिपोर्ट के अनुसार, ये सभी लोग कथित रूप से ‘डंकी रूट’ के जरिये अमेरिका पहुंचे थे, लेकिन अब उन्हें वापस भेजा जा रहा है।
बताया जा रहा है कि पंजाब, हरियाणा और अन्य राज्यों से अच्छी जिंदगी की तलाश में निकले इन लोगों का सपना अधूरा रह गया। अमेरिकी अधिकारियों ने अब तक 5000 भारतीयों को वापस भेजने की प्रक्रिया शुरूकर दी है, जबकि कुल सूची में लगभग 18,000 लोगों के नाम शामिल हैं।
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क्या है ‘डंकी रूट’?
बता दें, ‘डंकी रूट’ (US India Donkey Route) शब्द पंजाबी भाषा से आया है, जिसमें ‘डंकी’ का मतलब अवैध दस्तावेजों के एक स्थान से दूसरे स्थान पर छलांग लगाकर पहुंचना। इस रूट के जरिए लोग अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे देशों में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश करते हैं। अवैध प्रवास में ट्रैवल एजेंट्स की भूमिका बहुत अहम होती है, जो नकली दस्तावेज तैयार कर लोगों को जोखिम भरे रास्तों से गंतव्य तक पहुंचाने की कोशिश करते हैं।
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डंकी रूट के जरिए जान पर बन आती है बात
गौरतलब है, डंकी रूट (US India Donkey Route) से जाने वाले कई लोगों को भारी वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है, क्योंकि इसके लिए एजेंट्स भारी भरकम फीस लेते हैं। वहीं, कुछ को अपनी जान तक गंवानी पड़ जाती है, क्योंकि खतरनाक मार्गों, बर्फीले पहाड़ों, जंगलों और रेगिस्तानों के जरिये ये लोग अमेरिका तक पहुंचने की कोशिश करते हैं। ऐसे मामलों में कई बार दूसरे देशों में प्रवासियों को डिटेंशन सेंटर्स में बंद कर दिया जाता है या फिर उन्हें वापस भेज दिया जाता है।
एयरपोर्ट पहुंचने अवैध प्रवासियों पर होगा एक्शन
अमृतसर प्रशासन के मुताबिक, अवैध भारतीय प्रवासियों के दस्तावेजों की अमृतसर एयरपोर्ट पर जांच की जाएगी। इमीग्रेशन आदि के अलावा इन लोगों की पूरी पृष्ठभूमि, खासकर उनका आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जाएगी। यदि कोई आपराधिक रिकॉर्ड पाया जाता है, तो उन्हें एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका से डिपोर्ट किए गए इन भारतीयों में कुछ ऐसे लोग भी हो सकते हैं, जिन्होंने भारत में कोई अपराध किया होगा और अमेरिका भाग गए होंगे। इसकी सुव्यवस्थित तरिके से जांच के लिए अमृतसर एयरपोर्ट पर पुलिस और प्रशासन मुस्तैद हैं। एयरपोर्ट पर मौजूद अमेरिकी दूतावास के एक अधिकारी ने बताया कि प्लेन में कुल 104 भारतीय हैं, जिनमें 13 बच्चे, 72 पुरुष और 19 महिलाएं हैं।
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गुजरात से हैं 33 लोग
इन भारतीयों में से 33 लोग गुजरात से हैं जो अमृतसर एयरपोर्ट के भीतर ही रहेंगे और इन्हें वहीं से सीधे गुजरात भेजा जाएगा। भारत पहुंचने पर इन लोगों की गिरफ्तारी का कोई आधार नहीं है क्योंकि इन्होंने किसी भी तरह से भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं किया है। अमेरिका में रह रहे अवैध प्रवासी भारतीयों को लेकर US एयरफोर्स के C-17 ग्लोबमास्टर एयरक्राफ्ट ने टेक्सास के पास अमेरिकी सैन्यअड्डे से उड़ान भरी।
अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा डिपोर्टेशन प्रोग्राम
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका में अवैध प्रवासियों को उनके देश वापस भेजने के लिए एक बड़ा कार्यक्रम शुरू किया गया। इस कार्यक्रम के तहत लगभग 18000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की गई और उन्हें अमेरिकी सैन्य विमान से उनके देश वापस भेजा गया।
बता दें, पिछले हफ्ते अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात कर अवैध प्रवासियों से जुड़ी समस्या के समाधान पर अपनी चिंता व्यक्त की थी। ट्रंप सरकार अवैध प्रवासियों को ले जाने के लिए सैन्य विमान का इस्तेमाल करती रही है। इससे पहले ग्वाटेमाला, पेरू और होंडूरास में भी अमेरिकी मिलिट्री प्लेन से अवैध प्रवासियों को भेजा गया था।
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