Farmers Protest in Bhopal: बिजली के बढ़े हुए दरों और फसलों के कम मूल्य जैसे मुद्दों पर प्रदेशभर के किसान बुधवार (5 फरवरी) भोपाल पहुंचे थे। किसानों ने मंत्रालय का घेराव करने की योजना बनाई थी, लेकिन इससे पहले ही उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा धरना स्थल पर पहुंच गए। उन्होंने किसानों से बातचीत की और उनकी सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद किसानों ने धरना समाप्त कर दिया।
सरकार किसानों के साथ है- डिप्टी सीएम देवड़ा
डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा ने कहा कि मुझे पता चला कि किसान वल्लभ भवन आ रहे हैं, तो सरकार खुद उनके पास पहुंच गई। हमने हमेशा किसानों के हित में निर्णय लिए हैं। जो भी शिकायतें मिली हैं, उनका जल्द समाधान किया जाएगा। किसान हमारे हैं, हम उनसे अलग नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उनकी समस्याओं को गंभीरता से ले रही है।
किसानों का आरोप- सरकार टालमटोल करती है
भारतीय किसान संघ के बैनर तले जुटे किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार फसलों के अच्छे मूल्य के नाम पर हर बार झुनझुना दिखाकर टालमटोल करती है।
संघ के मध्य भारत प्रांत अध्यक्ष सर्वज्ञ दीवान ने कहा कि प्रदेश में किसान राजस्व विभाग के कामकाज में भ्रष्टाचार व्याप्त है। फौती नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, बटांकन और नक्शा सुधार जैसे कार्यों में किसानों को परेशान किया जा रहा है।
रिश्वत देने के बाद काम होता है
हरदा से आए एक किसान ने कहा, ‘मेरे पास सात एकड़ जमीन है, जिस पर मैंने सागौन लगाया था। उसे काटने की अनुमति नहीं मिल रही है।’ सूर्या कलेक्शन में पांच साल से पैसे जमा कर रहा हूं, लेकिन अब पैसा नहीं मिल रहा है। फसलों के अच्छे दाम नहीं मिलते।
हर काम रिश्वत देने के बाद होता है। पटवारी से एक चिड़िया बनवाने के लिए भी रिश्वत देनी पड़ती है। किसान ने यह भी कहा कि चुनाव के समय तो सभी नेता उनकी बात सुनते हैं, लेकिन चुनाव के बाद उन्हें भूल जाते हैं।
पुलिस ने किया कड़ा इंतजाम
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट की तैयारी और सड़कों के डामरीकरण के चलते किसानों को मुख्य सड़क पर धरना देने की अनुमति नहीं दी गई। इसके बजाय उन्हें संघ कार्यालय के सामने सर्विस रोड पर धरना देना पड़ा। किसान नेताओं ने दोपहर 3 बजे के बाद वल्लभ भवन का घेराव करने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस ने बेरिकेडिंग करके कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनाई थी। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे।
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