MP Scooty Yojana: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बुधवार (5 फरवरी) को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में 12 स्कूली स्टूडेंट्स को स्कूटी की चाबियां सौंपी। वहीं, सरकारी स्कूलों के 7,900 प्रतिभाशाली छात्रों को निशुल्क स्कूटी के लिए प्रतीकात्मक रूप से प्रमाण पत्र दिए।
सीएम यादव ने कहा कि मेरिट से काम नहीं बनेगा, नैतिकता भी चाहिए। घर के अंदर कुछ भी चलता रहे लेकिन बाहर यह बात नहीं जानी चाहिए। हमारे संस्कार ऐसे होने चाहिए कि हम आपस के मनमुटाव को बाहर दिखने न दें।
उन्होंने कहा, ‘प्रतिभाशाली बच्चे जीवन में बहुत कुछ कर सकते हैं, लेकिन प्रतिभा के साथ संस्कार होना भी जरूरी है। सिर्फ पढ़ा लिखा व्यक्ति ही सब कुछ नहीं होता है, गुणी होना भी जीवन में आवश्यक है।’
स्कूटी से शैक्षणिक जीवन बेहतर होगा- स्कूल शिक्षा मंत्री
कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि आज मिलने वाली स्कूटी बच्चों को अपने शैक्षणिक जीवन की उपलब्धियों को और बेहतर स्वरूप देने का काम करेगी। संसाधनों और समय के अभाव की कमी के चलते अब परेशानी से राहत मिलेगी।
उन्होंने कहा कि एक तरफ वे स्कूल हैं, जो लाखों रुपए की फीस लेते हैं और दूसरी ओर वे स्कूल हैं, जो वोकेशनल ट्रेनिंग, कैरियर गाइडेंस, स्मार्ट क्लास समेत अन्य सुविधाएं देते हैं। इन स्कूलों के छात्रों का भविष्य बेहतर रहे, इसकी वे अपेक्षा करते हैं।
गरीब परिवारों के बच्चों को सुविध- विजय शाह
जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह ने कहा कि बड़े परिवारों के बच्चों को गाड़ी से कॉलेज जाने की खुशी होती है लेकिन गरीब परिवारों के बच्चों को इस तरह की सुविधाएं देने का काम मोहन यादव सरकार ने किया है।
जिन बच्चों को स्कूटी मिली है, उनसे अपेक्षा है कि वे अपने माता-पिता की ओर से मुख्यमंत्री को धन्यवाद पत्र भिजवाएं। जिसके माता-पिता को खुशी है, वे जरूर भेजें और जिसे खुशी नहीं है, वे धन्यवाद पत्र न भेजें।
पिछले वर्ष का रिकॉर्ड
शैक्षणिक सत्र 2022-23 में कुल 7,778 छात्रों को स्कूटी प्रदान की गई थी। इनमें 2,760 ई-स्कूटी और 5,018 पेट्रोल स्कूटी शामिल थीं। इसके लिए राज्य सरकार ने कुल 40.40 करोड़ रुपए खर्च किए थे। ई-स्कूटी के लिए प्रति छात्र 1.25 लाख रुपए और पेट्रोल स्कूटी के लिए 90 हजार से 1 लाख रुपए तक की राशि दी गई थी।
मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना: लैपटॉप वितरण
इसी तरह मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना के तहत एमपी बोर्ड की 12वीं परीक्षा में 75 फीसदी या उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को लैपटॉप खरीदने के लिए 25,000 रुपए की राशि दी जाती है। 2022-23 में 78,641 छात्रों को यह लाभ मिला था, लेकिन इस बार यह संख्या 90,000 से अधिक हो गई है।
सरकार इस योजना पर 225 करोड़ रुपए से अधिक खर्च करेगी। यह योजना 2009-2010 में शुरू की गई थी, जिसमें पहले 85 फीसदी अंकों वाले छात्रों को लैपटॉप दिए जाते थे, लेकिन बाद में इसे 75 फीसदी कर दिया गया।
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