(रिपोर्ट- अभिषेक सिंह, वाराणसी)
Varanasi News: काशी आने वाले हर एक श्रद्धालु की चाहत होती है कि काशी के गंगा में नौकायन कर काशी के सभी अर्द्धचंद्राकार श्रृंखला से लगे घाटों का दीदार कर सके। नौकायन के जरिए काशी के पुरानी और ऐतिहासिक इमारत को देखने के साथ-साथ उसके इतिहास को जानने के लिए अधिकांश देशी-विदेशी सैलानी और श्रद्धालु गाइड की मदद लेते हैं,लेकिन काशी आने वाले हर एक श्रद्धालु और सैलानी को निराशा हाथ लगने वाली है क्योंकि काशी के सभी नविको ने आज नौका का संचालन बन्द किया है।
प्रशासन ने क्यो की कार्रवाई ?
बीते दिनों गंगा के बीच मझधार में दो छोटी बड़ी नावों के टक्कर के बाद कुछ सैलानी गंगा में गिर गए थे जिसको सफलतापूर्वक स्थानीय मल्लाहो नाविकों और एनडीआरएफ की मदद से रेस्क्यू किया गया था। स्थानीय मल्लाहों और नविको की सराहना एनडीआरएफ ने भी की थी इसके बावजूद प्रशासन की ओर से दोनों नविको के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।
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प्रशासन की कार्रवाई से नाविक समाज हुआ नाराज
प्रशासन की ओर से लगातार नविको के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने और शांति भंग की आशंका में चालान करने को लेकर आज काशी के सभी नाविक समाज ने नौका संचालन पर रोक लगा दी है। जिसके चलते नौकायन का आनंद लेने वाले सैलानियों और श्रद्धालुओं के हाथों निराशा लगी हुई है। अलग-अलग कार्रवाई में एक दर्जन से ज्यादा लोगों को शांति भंग की आशंका में जेल भेजा गया तो कुछ पर भारतीय न्याय संहिता के गंभीर धाराओं में मुकदमा भी दर्ज किया गया है।
नाविक समाज के परिवार उससे जुड़े लोगों पर रोजी-रोटी का संकट
काशी के अर्धचंद्राकार श्रृंखला के 84 घाटों के किनारे लगभग 5 से 6 हजार नौकाओं का संचालन किया जाता है जिससे प्रत्यक्ष रूप से करीब 50 से 60 लोगो का परिवार जुड़ा हुआ है, नौकायन से ही अपनी जीविका चलाने वाले लोगों के सामने अब रोजी-रोटी का संकट भी आन पड़ा है।
पुलिसिया कार्रवाई के विरोध में नाविक समाज आज करेंगे बैठक
नविको पर हो रहे लगातार कार्रवाई के विरोध स्वरूप नाविक समाज आज दशाश्वमेध घाट पर बैठक कर प्रशासन की ओर की ओर से हो रही कार्रवाई पर अपना विरोध जताएंगे, इसके साथ ही साथ नौका संचालन करने की बात को लेकर भी बैठक में मुद्दा उठाया जाएगा कि नौका संचालन अभी फिलहाल बंद रखा जाए या फिर चालू किया जाए।
करीब 3 से 4 लाख सैलानी प्रतिदिन करते है नौकायान
काशी की अर्धचंद्राकार घाटों का दीदार करने के लिए देश-विदेश से प्रतिदिन लाखो की संख्या में आते है। काशी के ऐतिहासिक घाटों का दीदार अलावा के एक घाट से दूसरे घाट आने-जाने के लिए नौकायान का इस्तेमाल करते है।