SWACHHTA SURVEY 2025: देश में स्वक्षता सर्वेक्षण 2025 किया जाना है। स्वक्षता के मामले में शीर्ष स्थान रहने वाला इंदौर शहर एक बार फिर इसको लेकर तैयारियों में जुटा है।इस क्रम में नगर निगम ने सार्वजनिक दीवारों पर पंपलेट और स्टीकर चिपकाने जैसी गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की योजना बनाई है । शनिवार को इसी अभियान के तहत एक फर्म ₹1 लाख का जुर्माना लगाया गया। यह प्रदेश का पहला मामला है, जब पंपलेट चिपकाने पर इतना भारी जुर्माना वसूला गया है।
क्या है मामला?
इंदौर में जल्द ही स्वच्छता सर्वेक्षण टीम का दौरा होने वाला है । ऐसे में शहर की सफाई और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए नगर निगम कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। नगर निगम आयुक्त की टीम दौरे कर रही है । इस दौरान लालबाग पैलेस की दीवार पर एक रियल एस्टेट कंपनी का पंपलेट स्टीकर चिपका हुआ पाया गया,जिसको लेकर आयुक्त ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पंपलेट पर लिखे नंबर और पते के आधार पर संबंधित कंपनी के खिलाफ जुर्माना लगाने के आदेश दिए।
कंपनी के ऑफिस में पहुँचे नगर निगम अधिकारी
आदेश के तहत नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी गौतम भाटिया और उनकी टीम ने इंद्रप्रस्थ टावर स्थित कंपनी के कार्यालय में पहुँचकर स्पॉट फाइन के रूप में ₹1 लाख का जुर्माना थमाया। कंपनी के प्रतिनिधियों ने जुर्माने की राशि कम करने के लिए काफी मिन्नतें कीं और अनभिज्ञता का हवाला दिया, लेकिन नगर निगम के अधिकारी अपनी सख्त नीति पर अड़े रहे। करीब एक घंटे तक चली बहस के बाद, जब अधिकारियों ने पुलिस बुलाकर ऑफिस सील करने की चेतावनी दी, तब कंपनी ने जुर्माना भरने पर सहमति जताई। आखिरकार कंपनी से ₹1 लाख का चेक लेकर मामला निपटाया गया।
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स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत सख्ती
इंदौर नगर निगम इस समय स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में लगातार आठवीं बार शीर्ष स्थान हासिल करने के लिए प्रयासरत है। ऐसे में किसी भी प्रकार की गंदगी या सार्वजनिक स्थलों के दुरुपयोग पर कठोर कार्रवाई की जा रही है। इससे पहले भी सार्वजनिक स्थानों पर थूकने या कचरा फैलाने पर भारी जुर्माने लगाए जा चुके हैं।
इंदौर को आठवीं बार शीर्ष स्थान स्थान पर लाने की तैयारी
नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी गौतम भाटिया ने कहा, “इंदौर को आठवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में नंबर वन बनाना है। इसलिए गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। सार्वजनिक दीवारों पर पंपलेट चिपकाना स्वच्छता के प्रति लापरवाही है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
स्वक्षता को लेकर कोई समझौता नहीं
पुरे प्रदेश में ये पहला मामला है जब नगर निगम की तरफ से इतनी सख्त करवाई की गई है । हालांकि इससे पहले भी थूकने और कचड़ा फैलाने पर फाइन लगाया जाता था। लेकिन नगर निगम आठवीं बार स्वच्छता सर्वेक्षण में पहले नंबर पर आने की कोशिश में जुटा हुआ है,जिसके चलते स्वच्छता को लेकर नगर निगम के अधिकारी कोई भी समझौते नहीं करना चाहते |
स्वच्छता सर्वेक्षण के इस दौर में इंदौर फिर से यह साबित करने की कोशिश की जा रही है कि स्वच्छता के प्रति उसकी प्रतिबद्धता सिर्फ दिखावे के लिए नहीं, बल्कि एक आदत बन चुकी है।
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