Income tax fraud : आयकर विभाग ने मध्यप्रदेश के इंदौर,देवास और राजगढ़ के जीरापुर जिले में टेक्स चोरी के बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया। इस मामले में 4 लोगो की गिरफ्तारी की गई है | ये लोग सरकारी कर्मचारियों और अधिकारीयों को टेक्स में रिफंड का झांसा देकर उनके डॉक्यूमेंट लेते थे। और उन डॉक्यूमेंट के आधार पर गलत टेक्स क्लेम करते थे| आयकर विभाग के अनुसार टेक्स में रिफंड दिलाने का खेल छोटे शहरो में भी चल रहा है। अब तक इस रैकेट से करीब 15 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी का खुलासा हो चुका है, और जांच के दौरान यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।
कैसे चलता था फर्जीवाड़े का खेल?
आयकर विभाग के अनुसार, यह गिरोह छोटे शहरों में भी सक्रिय था और राजनीतिक दलों या एनजीओ को दिए गए डोनेशन के बहाने टैक्स रियायत का गलत फायदा उठाता था। आरोपियों ने इन संस्थाओं से सांठगांठ कर डोनेशन की राशि उनके खातों में ट्रांसफर करवाई और फिर उसमें से 1-2% कमीशन काटकर रकम वापस कर दी। इस प्रक्रिया में मोटी रकम कमीशन के तौर पर वसूली जाती थी।
इसके अलावा, मेडिकल बिल, एजुकेशन लोन, और टीडीएस रिटर्न जैसे मामलों में भी बिना असली खर्च किए ही टैक्स छूट का दावा किया जाता था।अक्सर यह गिरह नौकरीपेशा वाले व्यक्तियों को टारगेट करते थे |
मुख्य आरोपी
देवास: चार्टर्ड अकाउंटेंट नीरज जैन और कर सलाहकार रफीक शेख पर छापेमारी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं।
इंदौर: दिनेश पंवार और पूर्व आर्मी अफसर दिनेश पटेल पर आरोप है कि वे बड़ी कंपनियों में काम करने वाले उच्च सैलरी के लोगों को टैक्स छूट दिलाने के लिए फर्जी क्लेम लगाते थे।
राजगढ़ (जीरापुर): एक युवक ने अकेले 230 रिटर्न फाइल कर 60 लाख रुपए से अधिक की टैक्स चोरी की है।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब आयकर विभाग ने एक ही ईमेल आईडी और आईपी एड्रेस से किए गए सैकड़ों रिफंड क्लेम्स पर संदेह जताया। जांच में पता चला कि इंदौर के राऊ में एक सीए के दफ्तर से ही 1300 से अधिक फर्जी टीडीएस रिफंड के मामले पकड़े गए। इनसे पिछले दो वर्षों में लगभग 8 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की गई।
दिव्यांग कोटे का भी हुआ गलत इस्तेमाल:
एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जिसमें एक व्यक्ति ने एक साल खुद को दिव्यांग दिखाकर टैक्स रियायत का दावा किया, जबकि अगले साल उसी ने खुद को पूरी तरह स्वस्थ बताया। इस तरह के मामलों ने आयकर विभाग को सतर्क कर दिया।
सिस्टम की कमजोरियां बनीं टैक्स चोरी का कारण:
आयकर विभाग ने टैक्स सिस्टम को सरल बनाने के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया लागू की है, लेकिन इसकी एक कमजोरी यह है कि महज 0.1% टीडीएस रिटर्न की ही स्क्रूटनी होती है। 25,000 से 50,000 रुपए तक के रिटर्न मामलों में ज्यादा जांच नहीं होती, जिससे ऐसे फर्जीवाड़े को बढ़ावा मिला।
आयकर विभाग ने की कार्रवाई
आयकर विभाग ने टैक्स प्रैक्टिशनर्स और संस्थानों की पहचान कर ली है जो गलत तरीके से कटौती और छूट का लाभ उठाते हैं। विभाग अब टैक्स चोरी रोकने के लिए स्क्रूटनी प्रक्रिया को और सख्त करने पर विचार कर रहा है।
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