Budget 2025 Live: 1 फरवरी 2025 को मोदी सरकार का तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट आने वाला है इससे पहले इकोनॉमिक सर्वे 2024-25 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में पेश किया। इस सर्वेक्षण में FY26 के लिए भारत की GDP वृद्धि दर 6.3% से 6.8% के बीच रहने का अनुमान है, तो वहीं GST कलेक्शन में 11 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
लोकसभा की कार्यवाही 1 फरवरी तक स्थगित
लोकसभा की कार्यवाही 1 फरवरी, 2025 को सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को संसद के बजट सत्र के पहले दिन लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 पेश कर दिया। इससे पहले, राष्ट्रपति के संबोधन के साथ बजट सत्र की शुरुआत हुई। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को सुबह 11 बजे संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी। यह 2024 में तीसरी बार बनी पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार का दूसरा पूर्ण बजट होगा।
साधु-संतों को बजट से क्या उम्मीदें हैं?
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट 1 फरवरी को संसद में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को सुबह 11 बजे संसद में बजट पेश करेंगी। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे पूर्ण बजट को लेकर हर वर्ग की निगाहें टिकी हुई हैं। इस बीच, संगम की धरती पर आयोजित महाकुंभ मेले में देश के कोने-कोने से आए साधु-संतों को भी मोदी सरकार के बजट से काफी उम्मीदें हैं। साधु-संतों का मानना है कि केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। इसलिए, यह बजट लोकहित के लिए होगा और राष्ट्र को मजबूत करने वाला साबित होगा।
कमजोर संतों के लिए पेंशन समेत साधु-संतों की प्रमुख मांग
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार को रेल किराए और माल भाड़े में बजट में कमी का प्रावधान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने धार्मिक स्थलों के विकास पर विशेष ध्यान दिया है। काशी कॉरिडोर, अयोध्या में भव्य राम मंदिर और उज्जैन महाकाल कॉरिडोर इसके उदाहरण हैं। उनके अनुसार, धार्मिक स्थलों के विकास से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलता है, जिससे लोगों को रोजगार मिलता है और अर्थव्यवस्था मजबूत होती है। इसलिए, सरकार को इस दिशा में और कदम उठाने चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर संतों के लिए पेंशन का प्रावधान बजट में किया जाना चाहिए।
वहीं, निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर डॉ. अन्नपूर्णा भारती ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की है कि महिला संतों के लिए बजट में कुछ विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि महिला संत आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो वे सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने में सक्षम होंगी। इसके अलावा, अन्य साधु-संतों ने भी पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल के इस दूसरे पूर्ण बजट को लेकर काफी उम्मीदें जताई हैं। हालांकि, साधु-संतों का यह भी मानना है कि मोदी सरकार का बजट 2025 निश्चित रूप से हर वर्ग को लाभ पहुंचाने की कोशिश करेगा और देश को सशक्त बनाने में मदद करेगा।
टैक्सपेयर्स को बजट से राहत की उम्मीद
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को सुबह 11 बजे संसद में केंद्रीय बजट 2025 पेश करेंगी। यह 2024 में तीसरी बार बनी पीएम नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार का दूसरा पूर्ण बजट होगा। महंगाई, बेरोजगारी और घटती खपत के बीच टैक्सपेयर्स बजट से राहत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।
किसानों को मिल सकता है तोहफा, PM किसान निधि में बढ़ोतरी की संभावना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी, 2025 को सुबह करीब 11 बजे लोकसभा में आम बजट पेश करेंगी। बजट को लेकर हर क्षेत्र की उम्मीदें काफी ऊंची हैं। एक ओर जहां मध्यम वर्ग को आयकर में बड़े बदलाव की उम्मीद है, वहीं सूत्रों का कहना है कि सरकार बजट में किसानों के लिए खजाना खोल सकती है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना की राशि बढ़ाने की मांग हर साल उठती रही है। इस बार उम्मीद है कि यह राशि 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 या 12,000 रुपये की जा सकती है।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर मोदी सरकार का जोर
आर्थिक सर्वेक्षण में मोदी सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर पर अपना फोकस बढ़ाया है। सर्वे में कहा गया है कि रेलवे, सड़क, हवाई अड्डे और बंदरगाह जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विकास जारी है। पहले की योजनाओं के अनुसार, इनकी क्षमता का विस्तार हो रहा है, जिससे दीर्घकाल में देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
‘सरकार महिलाओं के नेतृत्व में देश को सशक्त बनाने में विश्वास करती है’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार महिलाओं के नेतृत्व में विकास और महिला सशक्तिकरण पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि सरकार युवाओं और महिलाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है।
राष्ट्रपति के अनुसार, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 91 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों को सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं की शिक्षा और रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रही है।
‘सरकार ने एक राष्ट्र, एक चुनाव और वक्फ बिल पर तेजी से कदम बढ़ाया’
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद की संयुक्त बैठक में सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार ने एक राष्ट्र, एक चुनाव और वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर तेजी से कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल में सरकार नई ऊर्जा और उपलब्धियों के साथ आगे बढ़ रही है।
राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों से 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकल चुके हैं। साथ ही, उन्होंने आठवें वेतन आयोग के गठन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बड़ी वृद्धि का आधार बनेगा।
‘सरकार ने रोजगार के नए अवसर पैदा करने पर विशेष ध्यान दिया’
राष्ट्रपति मुर्मू ने बजट सत्र की शुरुआत में संसद को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार युवाओं की शिक्षा और रोजगार के नए अवसरों पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत 70 वर्ष से अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाएगा।
बजट सत्र से पहले पीएम मोदी का संबोधन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट सत्र से पहले मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि यह सत्र देशवासियों में नया विश्वास और ऊर्जा भरेगा। उन्होंने कहा कि यह उनके तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट है और यह 2047 तक विकसित भारत के संकल्प को मजबूती देगा।
पीएम मोदी ने कहा, “इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक विधेयकों पर चर्चा होगी और ये कानून राष्ट्र की ताकत बढ़ाएंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि इस बजट सत्र से पहले विदेश से कोई चिंगारी नहीं भड़की है, जो एक सकारात्मक संकेत है।
प्रधानमंत्री ने समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करते हुए कहा कि वे प्रार्थना करते हैं कि देश के हर गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे। उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि 2014 के बाद यह पहला संसद सत्र है जिससे पहले विदेश से कोई चिंगारी नहीं भड़की है।
इस तरह, बजट 2025 सत्र ने देश की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने की दिशा में एक नई शुरुआत की है।
सरकार का लक्ष्य विकसित भारत का निर्माण करना: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दोनों सदनों को संबोधित करते हुए कहा कि विकास देश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है। सरकार का उद्देश्य विकसित भारत बनाना है। 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। सरकार ने कर्मचारियों के लिए 8वें वेतन आयोग को लागू करने का निर्णय लिया है।
पीएम मोदी ने परोक्ष रूप से विपक्ष पर साधा निशाना
विपक्ष पर परोक्ष हमला करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “लोग हर सत्र में तूफान के लिए तैयार रहते हैं। कोई चिंगारी विदेश से नहीं आई है। हमारे देश में चिंगारी जलाने वालों की कमी नहीं है।”
राष्ट्रपति के संबोधन के साथ शुरुआत
बजट सत्र की शुरुआत दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण के साथ हुई। आम बजट 1 फरवरी 2025 को पेश किया जाएगा। सत्र का पहला चरण 13 फरवरी को समाप्त होगा और दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होकर चार अप्रैल तक चलेगा।
पीएम मोदी का संबोधन
बजट सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (31 जनवरी) सुबह संसद के बाहर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।
पीएम मोदी की मां लक्ष्मी से प्रार्थना
बजट सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज बजट सत्र की शुरुआत में मैं समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को नमन करता हूं। सदियों से हम ऐसे अवसरों पर मां लक्ष्मी को याद करते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मां लक्ष्मी हमें सफलता और बुद्धि प्रदान करती हैं। मैं महालक्ष्मी से प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब और मध्यम वर्ग पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहे
महंगाई और जीएसटी से राहत की उम्मीद
इस बजट सत्र में महंगाई और जीएसटी से परेशान मध्यम वर्ग के लिए बड़े ऐलान की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी के संकेतों से यह लगता है कि सरकार इस वर्ग की समस्याओं को गंभीरता से ले रही है और उन्हें राहत देने के लिए कदम उठाए जा सकते हैं।
बजट सत्र का महत्व
यह बजट सत्र देश की आर्थिक स्थिति और आम जनता की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लेने का अवसर होगा। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार किस तरह से महंगाई और जीएसटी जैसे मुद्दों पर काम करती है और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए क्या कदम उठाती है।